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________________ नेमिनाहचरिउ [ ૧૦૨ [१०४१] सूरकंतिण दिण्ण-अहिलसियसंपायग-वर-रयण- वसिण सयल-जायंत-पंछिउ । सयलम्मि वि तम्मि पुरि ललइ कुमरु स-जु हि वि जहिच्छिउ ॥ . अवरम्मि उ कम्मि वि दियहि जक्खाययणि निविट्ठ । नहारंभु नियंत दु-वि चिहहिं जाव पहिह ।। [१०४२] ता समग्गि वि पुरि समुच्छलिउ कोलाहल-तुमुलु-रवु तरुणि-नियर गुरु-खेउ दावहिं । परिसोयहिं संत-जण गहिय-खग्ग भड-निवह धावहिं ।। कि-विपीडिय-तूणीर-गुणि आरोविय-कोदंड । गहिय-सेल्ल-वावल्ल कि-वि अच्चुन्भुय-भुय-दंड ॥ [१०४३] के-वि पुणु तणु-विहिय-सन्नाह कि-वि तुरयारूढ भड के-वि गुडिय-करि-खंधरा-गय । रह-रयणारूढ कि-वि. के-वि नियय-पय-गमण-संगय ॥ कि-वि पुक्कारवु परिमुयहिं कि-वि उरयलु कुटति । कि-वि मोडहिं निय-चाव-लय कि-वि करयलु घरिसंति ।। [१०४४] अविय ढंकहिं घर-दुवाराई लहु हट्टई सारवहिं निय-कुडुंव इयरहं भलावहिं । गय-लक्खु वि नायरय सयल-नयर-मग्गेसु धावहिं ।। तयणु कुमारिण थिर-मणिण विमलवोहु संलत्तु । नणु किह इम्ब हल्लुप्फलिउ सयलु लोउ संवुत्तु ॥ १.४१. ५. क. जहच्छिउ. १०४२. ३. क. तरुनियर. ५. के. धावहि. ९. क. भच्चन्भुय, ख. भचुब्भुय. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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