SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 251
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २३८ नेमिनाहचरिउ [९४५] तसु जि कुमरह आसि सह-जाउ सह-पंसु-कीलियउ सह-गहीय-निम्मल-फलालउ । सम-संचिय-कित्ति-भरु समुवलद्ध-गुग-मणि-विसालउ ॥ सम-तणु सम-मणु सम-किरिउ सरिस-सील-सब्भाउ । मइधण-मंतिहि अंगरुहु विमलवोहु सुहि जाउ ।। [९४६] इयर-वासरि अहिणवुवलद्धि निरु निरुवम रूव-गुणि तुरय-रयण-जुयलम्मि दोण्णि वि । आरुहिउण विहि-वसिण . सेसु सयल वलु समवगणिवि ।। जा संचल्लिय कित्तिउ वि पह ता दुहिं वि हएहिं । अवहरिऊण महाडइहिं निय-विवरिय-सिक्खेहि ॥ [९४७] अह पह-स्सम-खिन्न-देहेहि दोहिं पि तुरंगमिहि परिविमुक्क-निय-जीवियासिहि । संपत्तइ सिर-उवरि रविहिं तेय-पूरिय-दसासिहि ॥ कुमरु तुरंगह उत्तरिवि निय-मित्तिण वि समेउ । निविसिवि सहयारह तरुहु छायहं निय-कुल-केउ ।। [९४८ लहु वि अ-विहिय-हियय-संतावु रयणायर-गहिर-मणु तियस-सिहरि-सिहरोलि-अविचलु । निय-मित्त समुद्दिसिवि भणइ - वयणु मह सुणसु निच्चलु ॥ पुरिसु जु कोऊहल-कलिय सयल वसुंधर एह । न नियइ नूण सु लहु अवड- तड-मंडुक्कु सुणेह ।। ९४३. ८. क. मइधण. Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy