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________________ २०७. ८२३ ] तइयभवि चित्तगइवुत्तंतु [८२०] तयणु - किं इहु सरय-घण-खंडु कि व चंद-विमाण-दल गयण-गमिर-सुर-कंति-पसरु व । वण-देवय-मंदिर व वणि रमंत-हरि-दइय-निलउ व ।। दीसइ किंपि जयन्भहिउ इय पुणु पुणु चिंतंतु । जा सम्मुहु तमु संचलिउ विम्हय-हीरिज्जंतु ॥ [८२१] ताव लोयण-सलिल-परिसित्तमुह कमल-थणावरणु करुण-राव-पूरिय-दियंतरु । सासाणल-परितविय - अहर-विवु मुहि-सयण-दुहयरु ।। उप्पाडिय-दाहिण चरणु तरुणि-जुयलु पेक्खेइ । चियह जलंतह सविहि गउ न य निमित्तु लक्खेइ ।। [८२२] अह तुरंतउ उत्तरेऊण गयणयलह चित्तगइ पुरउ गंतु तसु तरुणि-जुयलह । मिउ महुरिहिं अक्खरिहिं भणइ - तुम्ह को हेउ अ-सुहह । कि व एहु दीसइ धवलहरु कु व एहु चिय-वुत्तंतु । इय साहह जइ पुणु तयणु हउं वि करउं दुह-अंतु ।। [८२३] __ता पयंपइ दीह-नीसासपरिसोसिय-अहर-दल वाल एग जह - किमिह साह । निय-मंदिर-दुच्चरिय- पयडणेण लज्जेमि तुह हउं॥ तह वि हु आयारिण कहिय भुवण-रयण नर-नाह । निसुणसु जिण तुह कहां हां निय-वुत्तंतु अणाह ॥ . ८२१. ९. न उ. ८२२. ६. क. भण. ____Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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