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इओ
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आसंसइ न पर- धणु निय परिगहि अहिरमइ सयलंतेउर- उत्तिमइ
इयर - रमणि जणणि व्व पेक्खर । सवि वि सेस गुण- गण भिकखइ ||
सम- सुह- दुह - हिययाए ।
सुइरु कालु अइगमइ सह रयणवईए पियाए ॥
य
तइयभवि वित्तगइवुत्तंतु
[७९६]
वयइ जिय- वहु-वयइ न अलीउ
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[७९७]
तम्मि चैव य सिहरि - तिलयम्मि
सोमणस - नामगि नयरि संति अट्ठ खयरिंद-नंदण | उवसाहिय-विविह-वरससिगइ-रतिगइ ललियगइ मणगइ-पवणगइति । तडिगइ - उडुगइ-तुरियगइ इय विस्य नाम त्ति ॥
मइ - कंति-मयणस्सिरिय
निय-रूविण विजिय-रइ
[७९८ ]
सिरि-सरस्सइ - लच्छि-कित्तिि
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विज्ज नियय-गुण-भुवण-रंजण ॥
चंदरेह इय पत्त-नामय ।
रंभ-महिम तह आसि कन्नय ॥
सम-गुण समन्वय सम- सिरिय सम-लायण्ण-विलास | सम-अहिगय-ससि - विमल-कल सम-सुंदर - संभास ॥
[७९९ ]
पाविय - जोव्वणारंभ
कमिण नउ रज्जहिं विसय-सुहि अन्नम्म उदिणि विरह
मिलिवि परोपरु कह विरहि जह
मग्गिज्जउ निय-निय जणय
पुरउ
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ललहिं धम्म-कम्मम्मि निच्चल | भणहिं भणियव्व-पच्चल ॥
भीय
पिय सहि कु-वि एगु । पहाण- त्रिवेगु ॥
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