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________________ [ ५७८ १४६ नेमिनाहचरिउ । [५७८] समय-मज्जिर-खयर-तरुणि-यणथण-अंगरागारुणिउ कमल-रेणु-परिविहिय-सोहलु। वण-कुंजर-गंड-यल- दाण-वारि-परिमलिण मंसलु । तीर-ट्ठिय-पत्तल-वहल- साह-सिहरि-सच्छाउ । अवगाहइ माणस-सलिलु अविहिय-अमय-विभाउ ॥ [५७९] तयणु ववगय-अंग-संतावु जा लगाउ नीहरिउ सरह गाढकय-चरण-संदणु । निय-पुण्ण-संचिय-कवउ आससेण-नरनाह-नंदणु ॥ ता मोडिय-तीर-दुमिण तोडिय-गिरि-सिहरेण । धंधोलिय-वण-चारणिण उक्खय-रय-पसरेण ॥ [५८०] निहय-विहइण दलिय-मय-कुलिण वेलविय-पुलिंदइण जणिय-दरिण अइ-उग्ग पवणिण । संछाइय दिसि भरिय कुमर-नयण पुण रेणु-पसरिण ॥ तह वि कुमारु सु तियस-गिरि- चूला अविचल-चित्तु । परिचिट्ठइ अक्खुहिय-मणु किं एहु इय चिंतंतु ॥ [५८१] तयणु पसरिय-घोर-फुक्कार रोसारुण-नयण-जुय दीह-काय अलि-गवल-सामल । जम-दूयहं संनिहय जमल-जीह विस-वेग-पिच्छल । कुविय असेसस्स वि जयह कवलण-विहिहिं अ-चुक्क । केण वि वहलिय-गयण-यल विसहर-निवह विमुक्क ॥ Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002609
Book TitleNeminahacariya Part 1
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
AuthorH C Bhayani, Madhusudan Modi
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1970
Total Pages450
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size16 MB
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