________________
५७७
तइयभवि चित्तगइवुत्तंति सणतुकुमारचरिउ
[५७४]
कुमरु सायरु सित्तु सव्यंगु ता पाविय चेयणिण पीय-जलिण जंपिउ कुमारिण । जह- भद कुओ सि तुहं को व कह व कय-परुवयारिण । तई एहु ससहर-कर-धवलु अमय-महुरु आणीउ । जीवाविउ हउं सप्पुरिस पाएविणु पाणीउ ॥
___ [५७५]
अह पयंपइ इयरु -निमुणेसु मह वइयरु नर-रयण रम्मि पहिय-अवहरिय-आहिवि । कमलक्ख-नामिण पयडु जक्खु वसहुं हउं एत्थ पायवि ॥ ता पेक्खिवि भुवणुत्तिमह तुह एह विसम अवत्थ । आणिवि मइं माणस-सलिलु तुब्भि विहिय वीसत्थ ॥
[५७६
तयणु पुणरवि भणिउ कुमरेणपलयाणल-डाह-समु मह सरीरि संतावु पसरिउ । तह जह इहु उवसमइ ताम जाम सव्वंगु वियरिउ ॥ सलिलंजलि सारीरियहं संतावहं एयस्सु । माणस-सरवर-सलिलु लहु अवगाहेवि अवस्सु ॥
[५७७]
तयणु जक्खिण अकय-विक्खेवु परिकीलिर-खयर-वहु- चक्कवाय-कलहंस कुंजरि । कर-संपुडि कुमर-वरु करिवि नीउ माणस-सरोवरि ॥ अह संपीणिय-नयण-मणु सणतुकुमारु सरम्मि। पविसइ तियसासुर-तिरिय- तणु-संताव-हरम्मि ।
५७५. ३. क. The letter between आ and वि is unclear due to correction. ख. आहि missing.
____Jain Education International 2010_05
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org