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५८५] तइयभवि चित्तगइवुत्तति सणतुकुमारचरिउ
[५८२]
वद्ध तेहिं वि नाग-पासे हिं सव्वंगु कुमार-वरु
तयणु जलहि-अक्खुहिय-हियइण । उद्धणिय स-भुय-लइण अहिअ-संधि तोडिय कुमारिण ॥ अह गल-कंदल-लुलिय नर- रुंड-माल-वम्वालु। वयण-निवेसिय-पुरिस-सवु करयल-कलिय-कवालु ॥
५८३] घोर-विसहर-वद्ध-जड-मउडु दढ-दड्ढ-घरिसण-फुरिय. रव-रउदु तडि सरिस-लोयणु । अणुगच्छिर-कडकडिर- दसण-सेणि-वेयाल-भीसणु ॥ अरि अरि सरि सरि इट्ठ कु वि इय साडोवु भणंतु । दिठ्ठ कयंत-कराल-तणु रक्खसु इगु आवंतु ॥
[५८४] ता वि तुट्टिर-तुंग-सिंगग्गु उब्भंत-सत्ताउलिउ विहिय-गहिर-बुक्कार-वानरु । दढ-सिलयल-दलिय-पडिवक्खु खुहिय-विरसंत-कुंजरु ॥ गुरु-गिरि-वरु करयलि धरिवि खिविउ कुमर-उवरिम्मि । सुर-नहयर-कामिणि-नयण- जल-परिसित्त-सिरम्मि ॥
[५८५] तयणु विसरिस-दंत-पंतीहिं निम्मंस-सोणिय-तणुहि चिविड-नहिहिं निरु सारि-कुच्छिहि दुमुहिहिं तिमुहिहिं चउमुहिहिं पण-मुहे हिं सिय-गहिर-अच्छिहि ॥ वेयालिहि पमुइय-मणिहि जय-जय-रवु उग्घुट्ठ। अह उद्धृणिय-तणु खणिण पास-खिविय-गिरि-वछ । ५८३. ३. क. पडिसरिस. स. घडिसरिस,
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