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________________ ... भाग १ %%%%%%%%%%%%%%% %%%% JORD%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%%% जावज्जीवाए सव्वे मेहुणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए थूलए परिग्गहे पच्चक्खाए जावज्जीवाए इयाणिं अम्हे समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतिए सव्वं पाणावाइवायं पच्चक्खामो जावज्जीवाए एवं जाव सव्वं परिग्गहं पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्वं कोहं माणं मायं लोहं पेज्जं दोसं कलहं अब्भक्खाणं पेसुण्णं परपरिवायं अरइरई मायामोसं मिच्छादसणसल्लं अकरणिज्जं जोगं पच्चक्खामो जावज्जीवाए सव्वं असणं पाणं खाइमं साइमं चउव्विहंपि आहारं पच्चक्खामो जावज्जीवाए जंपिय इमं 5 सरीरं इ8 कंतं पियं मणुण्णं मणामं थेज्ज (पेज पा०) वेसासियं संमतं बहुमतं अणुमतं भंडकरंडगसमाणं माणं सीय माण उण्हं मा णं खुहा मा णं पिवासा मा णं वाला ॥ मा णं चोरा मा णं दंसा मा णं मसगा मा णं वातियपित्तियसिभियसंनिवाइयविविहा रोगातंका परीसहोवसग्गा फुसंतुत्तिकटु एयंपि णं वरमेहिं ऊसासणीसासेहि वोसिरामत्तिक? संलेहणाझूसणाझूसिया भत्तपाणपडियाइक्खिया पाओवगया कालं अणवकंखमाणा विहरंति, तए णं ते परिव्वायया बहूई भत्ताई अणसणाए छेदेन्ति त्ता आलोइअपडिक्वंता समाहिपत्ताकालमासे कालं किच्चा बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववण्णा, तहिं तेसिं गई दससागरोवमाइं ठिई पं०, परलोगस्स आराहगा, सेसं तं चेव १३ । ३९ । बहुजणे णं भंते ! अण्णमण्णस्स एवमाइक्खड़ एवं भासइ एवं पण्णवेइ एवं परूवेइ-एवं खलु अंब (अम्म) डे परिव्वायए कंपिल्लपुरे णयरे घरसते आहारमाहारेइ घरसए वसहिं उवेइ से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा ! जण्णं से बहुजणो अण्णमण्णस्स एवमाइक्खइ जाव एवं परूवेइ-एवं खलु अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे जाव घरसए वसहिं उवेइ सच्चे णं एसमढे, अहंपिणं गोयमा ! एवमाइक्खामि जाव एवं परूवेमि-एवं खलु अम्मड़े परिव्वायए जाव वसहिं उवेइ, से केणटेणं भंते ! वुच्चइ-अम्मडे परिव्वायए जाव वसहिं उवेइ ?. गोयमा ! अम्मडस्सणं परिव्वायगस्स पगइभद्दयाए जाव विणीययाए छटुंछटेणं अनिक्खित्तेणं तवोकम्मेणं उड्ढं बाहाओ पगिज्झिय २ सूराभिमुहस्स आतावणभूमीए आतावेमाणस्स सुभेणं परिणामेणं पसत्थाहिं लेसाहिं विसुज्झमाणीहिं अन्नया कयाई तदावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमेणं ईहावूहामग्गणगवेसणं करेमाणस्स वीरियलद्धीए वेउब्वियलद्धीए ओहिणाणलद्धी समुप्पण्णा, तए णं से अम्मडे परिव्वायए ताए वीरियलद्धीए वेउव्वियलद्धीए ओहिणाणलद्धीए समुप्पण्णाए जणविम्हावणहेउं कंपिल्लपुरे घरसए जाव वसहिं उवेइ, से तेणट्ठणं गोयमा ! एवं वुच्चइ-अम्मडे परिव्वायए कंपिल्लपुरे णयरे घरसए जाव वसहिं उवेइ, पहू णं भंते ! अम्मडे परिव्वायए देवाणुप्पियाणं अंतिए मुंडे भवित्ता अगाराओ अणगारियं पव्वइत्तए ?,णो इणढे समढे, गोयमा! अम्मडेणं परिव्वायए समरोवासाए अभिगयजीवाजीवे जाव अप्पाणं भावमाणे विहरइणवरं ऊसियफलिहे अवंगुयदुवारे चियत्तंतेउरघरदारपवेसी (चियत्तघरतेउरपवेसी पा०) ति ण वुच्चइ, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स थूलए पाणाइवाए पच्चक्खाए जावज्जीवाए जाव परिग्गहे णवरं सव्वे मेहुणे पच्चक्खाए जावज्जीवाए, अम्मडस्सणं णो कप्पइ अक्खसोतप्पमाणमेत्तंपि जलं सयराहं उत्तरित्तए णण्णत्थ अद्धाणगमणेणं, अम्मडस्सणं णो कप्पइ सगडं एवं चेव भाणियव्वं जाव णण्णत्थ एगाए गंगामट्टियाए, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स णो कप्पइ आहाकम्मिए वा उद्देसिए वा मीसजाएइ वा अज्झोअरएइ वा पूइकम्मेइ वा कीयगडेइ वा पामिच्चेइ वा अणिसिटेइ वा अभिहडेइ वा ठइत्तए वा रइत्तए वा कंतारभत्तेइ वा दुब्भिक्खभत्तेइ वा पाहुणगभत्तेइ वा गिलाणभत्तेइ वदलियाभत्तेइ वा भोत्ताए वा पाइत्तए वा, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स णो कप्पइ मूलभोयणे वा जाव बीयभोयणे वा भोत्तए वा पाइत्तए वा, अम्मडस्स णं परिव्वायगस्स चउव्विहे अणत्थदंडे पच्चक्खाए जावज्जीवाए तं०-अवज्झाणायरिए पमायायरिए हिंसप्पयाणे पावकम्मोवएसे, अम्मडस्स कप्पइ मागहए अद्धाढए जलस्स पडिग्गाहित्तए सेऽविय वहुमाणए नो चेवणं अवहमाणए जाव सेऽविय परिपूए नो चेवणं अपरिपूए सेऽविय सावज्जेत्तिकाउंणो चेव णं अणवज्जे सेऽविय जीवा इतिकटु णो चेव णं अजीवा सेऽविय दिण्णे णो चेवणं अदिण्णे सेऽविय दंतहत्थपायचरूचमसपक्खालणट्ठयाए पिबित्तए वाणो चेवणं सिणाइत्तए, अम्मडस्स कप्पड़ मागहए य आढए जलस्स पडिग्गाहित्तए सेऽविय वहमाणे जाव दिन्ने नो चेव णं अदिण्णे सेऽविय सिणाइत्तए णो चेवणं हत्थपायचरूचमसपक्खालणट्ठाए पिबित्तए वा, अम्मडस्स णो कप्पइ अन्नउत्थिया वा अण्णउत्थियदेवयाणि वा अण्णउत्थियपरिग्गहियाणि वा चेइयाई वंदित्तए वा णमंसित्तए वा जाव पज्जुवासित्तए वा णण्णत्थ अरिहंते वा अरिहंतचेइयाई २ वा, अम्मडे णं भंते ! परिव्वायए कालमासे कालं किच्चा कहिं गच्छिहिति कहिं उववजिहिति ?, गोयमा ! अम्मडे णं परिव्वायए उच्चावएहिं Reos55555555555555555555 श्री आगमगुणमंजूषा - ७९९55555555555 5 5EOPOR 给乐乐听听听听听听听听听听听听乐乐车乐乐乐乐听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听F2C网
SR No.002601
Book TitleAgam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages1868
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size85 MB
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