SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1303
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 16:055555555555 (१८) जंबूदीवपन्नत्ति वक्खारो २ १४१ ROx95555555555555555555555555555555555555555555OOK धणूइं उद्धंउच्चत्तेणं जह० अंतो० उक्को० पुव्वकोडीआउयं पालेति त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव देवगामी अप्पेगइया सिझंति जाव सव्वदुक्खाणंमंतं करेंति, तीसे णं समाए तओ वंसा समुप्पज्जित्था तं०-अरहंतवंसे चक्कवट्टिवंसे दसारवंसे, तीसे णं समाए तेवीसं तित्थयरा इक्कारस चक्कवट्टी णव बलदेवा णव वासुदेवा ॥ समुप्पज्जित्था ।३५। तीसे णं समाए एक्काए सागरोवमकोडाकोडीए बायालीसाए वाससहस्सेहिं ऊणिआए काले वीइक्कंते अणंतेहिं वण्णपज्जवेहिं तहेव जाव परिहायमाणीए २ एत्थ णं दूसमाणामं समा काले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो!, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोआरे भक्स्सिइ ?,, गो० ! बहुसमरमणिज्जे भूमिभागे भविस्सइ से जहाणामए आलिंगपुक्खरेइ वा मुइंगपुक्खरेइ वा जाव णाणामणिपंचवण्णेहि कित्तिमेहिं चेव अकित्तिमेहिं चेव, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स मणुआणं केरिसए आयारभावपडोयारे पं० ?, गो० ! तीसे णं मणुआणं छव्विहे संघयणे छव्विहे संठाणे बहुईओ रयणीओ उद्धंउच्चत्तेणं जह० अंतोमुहुत्तं उक्को० साइरेगं वाससयं आउयं पालेति त्ता अप्पेगइया णिरयगामी जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति, तीसे णं समाए पच्छिमे तिभागे गणधम्मे पासंडधम्मे रायधम्मे जायतेए धम्मचरणे य वोच्छिज्जिस्सइ ।३६। तीसे णं समाए एक्कवीसाए वाससहस्सेहिं काले विक्ते अणंतेहिं वण्णपज्जवेहिं जावई परिहायमाणीए २ एत्थ णं दूसमदूसमाणामं समा काले पडिवज्जिस्सइ समणाउसो !, तीसे णं भंते ! समाए उत्तमकट्ठपत्ताए भरहस्स वासस्स के रिसए आयारभावपडोआरे भविस्सइ ?, गो० ! काले भविस्सई हाहाभूए भंभाभूए कोलाहलभूए समाणुभावेण य खरफरूसधूलिमइला दुव्विसहा वाउला भयंकराय वाया संवट्टगा य वाइस्संति, इह अभिक्खणं २ धूमाहिति य दिसा समंता रउस्सला रेणुकलुसतमपडलणिरालोआ समयलुक्खयाए णं अहिअं चंदा सीअं मोच्छिहिति अहिअं सूरिआ तविस्संति, अदुत्तरं च णं गो० अभिक्खणं अरसमेहा विरस० खार० खत्त (ट्ट पा०)० अग्गि० विज्जु० विसमेहा (असाणि० पा०) अज (पि पा०) वणिज्जोदगा वाहिरोगवेदणोदीरणपरिणामसलिला अमणुण्णपाणिअगाचंडानिलपहततिक्खधाराणिवातपउरं वासं वासिहिंति, जेणं भरहे वासे गामागरणगरखेडकब्बडमडं वदोणमुहपट्टणासमगयं जणवयं चउप्पयगवेलए खहयरे पक्खिसंघे गामारण्णप्पयारणिरए तसे य पाणे बहुप्पयारे रूक्खगुच्छगुम्मलयवल्लिपवालंकुरमादीए तणवणस्सइकाइए ओसहीओ य विद्धंसेहिति पव्वयगिरिडोंगरूत्थलभट्ठिमादीए य वेअड्ढगिरिवज्ने विरावेहिति सलिलबिलविसमगत्त (दुग्ग पा०) णिण्णुण्णयाणि य गंगासिंधुवज्जाइं समीकरेहिंति, तीसे णं भंते ! समाए भरहस्स वासस्स भूमीए केरिसए आगारभावपडोआरे भविस्सइ ?, गो० ! भूमी भविस्सइ इंगालभूआ मुम्मुर० छारिअ० तत्तकवेल्लुअ० तत्तसमजोइ० धूलिबहुला रेणु० पंक० पणय० चलणिबहुला बहूणं धरणिगोअराणं सत्ताणं दुन्निक्कमा यावि भविस्सइ, तीसे णं भंते ! समाए भरहे वासे मणुआणं केरिसए आयारभावपडोआरे भविस्सइ ?, गो० ! मणुआ भविस्संति दुरूवा दुवण्णा दुगंधा दुरसा दुफासा अणिट्ठा अकंता अप्पिआ असुभा अमणुन्ना अमणामा हीणस्सरा दीणस्सरा अणिट्ठस्सरा अकंतस्सरा अपिअस्सरा अमणामस्सरा अमणुण्णस्सरा अणादेज्जवयणपच्चायाता णिल्लज्जा कूडकवडकलहबंधवेरनिरया मज्जायातिक्कमप्पहाणा अकज्जणिच्चुज्जुया गुरूणिओगविणयरहिया य विकलरूवा परूढणहकेसमंसुरोमा काला खरफरूससा (झा पा०) मवण्णा फुट्टसिरा कविलपलिअकेसा बहुण्हारूणिसंपिणद्धदुईसणिज्जरूवा संकुडिअवलीतरंगपरिवेढिअंगमंगा जरापरिणयव्व थेरगणरा पविरलपरिसडि अदंतसेढी उब्भडघड (घाडा पा०) मुहा विसमणयणवंकणासा वंक (ग पा०) वलीविगयभेसणमुहा ददुविकिटिभसिब्भफुडिअफरूसच्छवी चित्तलंगमंगा कच्छूखसराभिभूआ खरतिक्खणक्खकंडूइअविकयतणू टोलागि (लग) ती विसमसंधिबंधणा उक्कडुअद्विअविभत्तदुब्बलकुसंघयणकुप्पमाणकुसंठिआ कुरूवा कुट्ठाणासणकुसेजकुभोइणो असुइणो अणेगवाहिपीलिअंगमंगा खलंतविब्भलगई णिरूच्छाहा सत्तपरिवज्जिता विगय (विणट्ठ प्र०) चेट्ठा नट्ठतेआ अभिक्खणं सीउण्हखरफरूसवायविज्झडिअमलिणपंसुरओगुंडिअंगमंगा बहुकोहमाणमायालोभा बहुमोहा असुभदुक्खभागी ओसण्णं धम्मसण्णसम्मत्तपरिभट्ठा उक्को० रयणिप्पमाणमेत्ता सोलसवीसइवासपरमाउसो बहुपुत्तणत्तुपरियालपणयबहुला गंगासिंधूओ महाणईओ MOTIO N555555555श्री आगमगुणमंजूषा - ११९६ 99999999 955 Or KOL55555555555555555555 -Re-seL Only
SR No.002601
Book TitleAgam Guna Manjusha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGunsagarsuri
PublisherJina Goyam Guna Sarvoday Trust Mumbai
Publication Year1999
Total Pages1868
LanguagePrakrit, Gujarati, Hindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size85 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy