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XI
प्रभसूरिगीत (पृ० ४६-५०), शिवचूला विज्ञप्ति (पृ० ३३६),
बेगड़पट्टावली (पृ० ३१२)। १६ वींका पूर्वाद्ध ।
क्षेमराजगीत (पृ० १३४ )। १६ वीं का शेषाद्ध
जिनदत्त स्तुति (पृ०४ ), जिनचंद्र अष्टक (पृ०५), कीर्तिरत्नसूरि चौ० (पृ०५१), जिनहंससूरि गीत (पृ०५३),
क्षेमहंस कृत गुर्वावली (पृ० २१५ से २१७ ) १७ वीं का पूर्वाद्ध
देवतिलकोपाध्याय चौ० (पृ० ५५), भावहर्ष गीत (पृ० १३५), पुण्यसागर गीत (पृ० ६७), पूज्यवाहण गीतादि (पृ० ८६, ६४. ११० से ११७), जयतपदवेलि आदि साधुकीर्ति गीत (पृ० ३७ से ४५), खरतर गुर्वावलि (पृ० २१८ से
२७), कीर्तिरत्न सूरि गीत (पृ० ४०३ ), दयातिलक (पृ० ४१६), यशकुशल, करमसी गीतादि (पृ० १४६, २०४), आदि । शेषाद्धजिनचंद्रसूरि, जिनसिंह, जिनराज, जिनसागर सूरि गीत रासादि (पृ० ५८ से १३२, १५० से २३०, ३३४, ४१७ ), खरतर गुर्वावलि (पृ० २२८ ), पि० खर० पट्टावली (पृ० ३१६), गुणप्रभ सूरि प्रबन्ध (पृ० ४२३), विजयसिंह सूरि रास (पृ० ३४१), पद्महेम (पृ० ४२), समयसुन्द गीत (पृ० १४६), छप्पय (पृ० ३७३ आदि ।
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