________________
संक्षिप्त कविपरिचय -
१०६
१८ हर्षनन्दन(१२४-३२-३३-१४६-२०१-२०३)देखें यु-पृ० १७१ ६६ हर्षवल्लभ (४१७ ) देखें यु० जिनचन्द्रसूरि पृ० १८५. १०० सेवकसुन्दर (४२०) १०१ हेमसिद्धि (२११-१३)
१०२ क्षमाकल्याण (२६६-३०६-७ ) देखें इसी ग्रन्थमें राससार पृ० ६४
१०३ ज्ञानकलश (३२६) १०४ ज्ञानकुशल (२३२) १०५ ज्ञानहर्ष (३३५-३७८) देखें यु० जिनचन्द्रसूरि पृ० ३०५
कवियोंके नामके आगे प्रस्तुत संग्रह (मूल) के पृष्ठोंकी संख्या दी गई है। कइ कवि एकही नामसे एकही समयमें कइ हो गये हैं अतः संदिग्ध परिचय देना उचित नहीं ज्ञात हुआ ।
Jain Education International 2010_05 For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org