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________________ जैन दर्शन और आधुनिक विज्ञान देखा जा सकता है, कर्ण से श्रव्य है, जिह्वा से आस्वाद्य है, घ्राण से संघा जाने वाला. है और स्पर्शनेन्द्रिय से स्निग्ध, रूक्ष आदि स्पर्श गुणों से ज्ञेय है। आज के भौतिक विज्ञान का विषय भूत (पदार्थ) जैन दर्शन में पुद्गल शब्द से अभिहित है। . पुद्गल के चार भेद __समस्त लोकवर्ती पुद्गल द्रव्य पुद्गलास्तिकाय कहा जाता है। परमाणु से लेकर एक अखंड द्रव्य तक उसके चार' भेद हैं । (१) स्कन्ध (२) स्कन्ध देश (३) स्कन्ध प्रदेश (४) परमाणु । स्कन्ध (Molecule)-मूर्त द्रव्यों की एक इकाई स्कन्ध है । दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है दो से लेकर यावत् अनन्त परमाणुओं का एकीभाव स्कन्ध है । किन्तु इसके साथ इतना और जोड़ना होगा कि विभिन्न परमाणुओं का एक होना जैसे स्कन्ध है, वैसे विभिन्न स्कन्धों का एक होना व एक स्कन्ध का एक से अधिक परमाणुगों की इकाई में टूटने का परिणाम भी एक स्वतन्त्र स्कन्ध है। कम से कम दो परमाणुओं का एक स्कन्ध होता है जो द्विप्रदेशी स्कन्ध कहलाता है और कभी कभी अनन्त परमाणुओं के स्वाभाविक मिलन से एक लोक व्यापी महा स्कन्ध भी बन जाता है। स्कन्ध देश-स्कन्ध एक इकाई है । उस इकाई से बुद्धि कल्पित एक भाग को स्कन्ध-देश कहा जाता है। जब हम कल्पना करते हैं कि वह इस दण्ड का १. जे रूवी ते चउव्विहा पण्णत्ता । खंध, खंधदेसा, खंधपयेसा, परमाणुपोग्गला । -भगवती शतक २।१०।६६ । २. (क) स्कन्धः सकलः समस्त:-प्राकृत गाथा ८१ । (ख) तदेकी भावः स्कन्धः--श्री जैन सिद्धान्त दीपिका-प्रकाश १ सूत्र १५ । ३. तेषां द्वाद्यनन्त परमाणूनामेकत्वेनावस्थानं स्कन्धः । -श्री जैन सिद्धान्त दीपिका-प्र० १ सूत्र १५ । ४. तद् भेद्संधाताभ्यामपि । स्कन्धस्य भेदतः संघाततो पि स्कन्धो भवति । -श्री जैन सिद्धान्त दीपिका-प्रकाश १ सूत्र १६ । ५. तत्र अन्त्यम् अशेष लोकव्यापिमहास्कन्धस्य। . -श्री जैन सिद्धान्त दीपिका-प्र० १ सूत्र १२ । ६. बुद्धि कल्पितो वस्त्वंशो देशः वस्तुनोऽपृथग भूतो बुद्धिकल्पितोंऽशो देश उच्यते । -श्री जैन सिद्धान्त दीपिका-प्र० १ सूत्र २२ । Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002599
Book TitleJain Darshan aur Adhunik Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagrajmuni
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1959
Total Pages154
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Philosophy, & Science
File Size7 MB
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