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________________ अनक्रमणिका प्रस्तावना प्रतिपरिचय. संशोधन.. ग्रन्थपरिचय................... कथावस्तु............ तीर्थकर चरित्र के मूलस्त्रोत.... ग्रन्थकार परिचय...... psy w9 M& प्रथम प्रस्ताव - ग्रन्थारम्भ मंगलाचरण जिनवाणी रूप सरस्वती की वन्दना......... संघ और गणधर वन्दना................... पूर्वाचार्यों का स्मरण............ दुर्जन-सज्जन वर्णन.. श्री पदमप्रभ स्वामि के तीन भवों के नाम... .......... प्रथम भव अपराजितराजा ससीमा नगरी का वर्णन.... राजा अपराजित का वर्णन...................... वसन्तऋतु का वर्णन................... उद्यानपाल द्वारा वसन्त के आगमन की सूचना... वन क्रीडा के लिए राजा अपराजित का उद्यान में आगमन.................... उद्यान में विराजित अरविंद नामके सर्वज्ञ आचार्य का दर्शन.................... आचार्य अरविंद का अपराजित राजा को धर्मोपदेश...................... धर्म की महिमा के साथ धर्म के चार प्रकार दान, शील, तप और.. भावना का मुनिवर द्वारा विवेचन प्रथम दान धर्म पर हंसपाल की कथा... द्वितीय शील धर्म पर मृगालेखा चरित्र ..................... तृतीय तप धर्म पर रोहिणी कथा ......................... चतुर्थ भावना धर्म पर सुरसुन्दरकुमार कथा ............... Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002597
Book TitlePaumappahasami Cariyam
Original Sutra AuthorDevsuri
AuthorRupendrakumar Pagariya
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1995
Total Pages530
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size20 MB
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