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(७) सप्तभाषी आत्मसिद्धि
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SAPTABHASHI ATMASIDDHI
-
मूल
- . . , irr { ५० २०८० २१.१ Ti, 31 .
ORIGINAL AUTHOR'S
कर्ताकृति
4
१
१. गुजराती
२. संस्कृत
३. हिन्दी
(3) शा-शिष्य 6वाय :
GUJARATI કર્તા જીવ ન કર્મનો, કર્મ જ કર્તા કર્મ; અથવા સહજ સ્વભાવ કાં, કર્મ જીવનો ધર્મ. ૭૧ शंका ३ - शिष्य उवाच :
SANSKRIT आत्मा नो कर्मणः कर्ता कर्मकर्ताऽस्ति कर्म वै। वा सहजः स्वभावः स्यात् कर्मणो जीवधर्मता ॥७१॥ शंका - शिष्य उवाच :
HINDI कर्ता जीव न कर्म को, कर्म हि कर्त्ता कर्म ।
अथवा सहज स्वभाव या, कर्म जीव को धर्म ||७१।। शंका ३री:
MARATHI आत्मा न कर्मकर्ता, वा कर्मचि करविते जगी कर्म । सहज-स्वभावचि किंवा कर्म जीवाचाच तो असे धर्म ॥७१।। শংকা-শিষ্য উবাচ
BENGALI জীবাত্মা কর্মকর্তা নহে, কর্মই কর্মে কর্তা। অথবা অনায়াসে হয়, কর্মই জীব ধর্ম ধর্তা ॥ ৭১ ॥ ಸಂದೇಹ: ಶಿಷ್ಯನು ಕೇಳಿದ್ದು :
KANNADA ಕರ್ತಾ ಜೀವ್ ನ ಕರ್ಮನೋ, ಕರ್ಮ್ ಜ ಕರ್ತಾ ಕರ್ಮ್! ಅಥವಾ ಸಹಸ್ ಸ್ವಭಾವ್ ಕಾಂ, ಕರ್ಮ್ ಜೀವ್ನೋ ಧರ್ಮ್ 117 111 |
४. मराठी
५. बंगला
६. कन्नड़
७. अंग्रेजी
Doubt of disciple -3: The third doubt as the pupil's plea, The soul himself does no bondage; Or bondage acts itself ugly, Affixed nature, or as knowledge. 71
ENGLISH
• जिनभारती•JINA-BHARATI.
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