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फ्लाइ-ट्रेप के पौधे अपने फूलों पर कीट-पतंगों के बैठते ही अपने नागपाश में ले लेते हैं। यह क्रिया एक सेकिण्ड के शतांश में ही हो जाती है।
शारीरिक गठन या organisation- सजीव जो एक ही जाति के हैं, उनका निश्चित आकार प्रकार रूप रंग होता है। एक ही जाति के वनस्पति का रूप, पत्ते, फल, फूल आदि का गठन एक जैसा होता है।' ____ भोजन और उसका स्वीकरणः-(Food and its assimilation) भोजन की क्रिया जीवधारी में ही पायी जाती है। वनस्पति में यह क्रिया प्रत्यक्ष देखी जाती है। वह मिट्टी, पानी, पवन आदि से भोजन प्राप्त करके अपने अंगों को पुष्ट करती है। ये भी दुग्धाहारी, मांसाहारी, निरामिषाहारी विभिन्न प्रकार की होती है।
प्रवर्धन (Growth) बढ़ना! वह भी अनुपात में सजीव में ही होता है। नन्हा-सा बीज वटवृक्ष के आकार का हो जाता है। उसके फल, फूल, पत्ते एक निश्चित सीमा में बढ़ते हैं।
श्वसन Respiration-जीवों में श्वास क्रिया अनिवार्य है। यह श्वास की प्रक्रिया वनस्पति में पत्तों द्वारा संपन्न होती है। हमारी सबसे अधिक वनस्पति की निकटता का मुख्य कारण श्वसन है। हम श्वास द्वारा जिस हवा को (कार्बन डाइ आक्साइड) छोड़ते हैं, पेड़ पौधे उसे ग्रहण करते हैं और पेड़ पौधे ऑक्सीजन को छोड़ते हैं, उसे हम ग्रहणं करते हैं।
इसे अपने लेख “जैन आगमों में वनस्पति विज्ञान' में कन्हैयालाल लोढ़ा ने प्रयोगों द्वारा भी स्पष्ट किया है। दोनों उपचित और अपचित होते हैं। मनुष्य और वनस्पति दोनों ही विविध अवस्था को प्राप्त होते हैं।'
इस संपूर्ण विवेचन को बसु ने अपने शोध यंत्र के द्वारा प्रत्यक्ष किया। उन्होंने एक ऐसे यंत्र का निर्माण किया जो वनस्पति की सजीवता को अभिव्यक्त करता है। वह यंत्र पौधों की गतिविधियों को एक करोड़ गुणा बड़ा करके दिखाता था। समय का बोध भी एक सेकण्ड के सहस्रवें भाग तक होता था। 1. विज्ञान लोक अप्रेल 1962 पृ. 14.
2. मरुधर केसरी अभिनंदन ग्रन्थ खण्ड 2 1. 147. 3. मरुधर केसरी अभिनंदन ग्रंथ खंड 2 पु. 147 4. आचारांग 1.5.113.
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