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________________ १२ २० GmW . • श्री भक्तामर अट्ठम तप आराधना विधि प्रथम दिन काउस्सग्ग खमासमणा साथिया १२ (लो.) १२ प्रतिदिन की २० माला :- ॐ ह्रीं श्रीं ऋषभजिनेंद्राय नमः ।। द्वितीय दिन : काउस्सग्ग खमासमणा साथिया १२ (लो.) १२ १२ तृतीय दिन काउस्सग्ग खमासमणा साथिया २० (लो.) २० प्रतिदिन १० माला : ॐ ह्रीं नमो अरिहंताणं सिद्धाणं सरिणं उवज्झायाणं साहूणं मम ऋद्धिं वृद्धिं समीहितं कुरू कुरू स्वाहा । प्रतिदिन १ माला : ॐ ही धरणेन्द्र-पद्मावती पूजिताय श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः प्रतिदिन १ माला : श्री मानतुंग गुरवे नमः काउस्सग्ग का पद : श्री भक्तामर स्तोत्र पूजित श्री ऋषभदेव आराधनार्थे काउस्सग्ग करूं? • खमासमणा का दुहा : ''दुर्लभ पंचम कालमा, भक्तामर बलवान ।। मानतुंगसूरि भावथी, भजो ऋषभ भगवान ॥" १ श्री भवजलतारकाय श्री ऋषभदेवाय नमः २३ श्री अनन्य शिवपरनायकाय श्री ऋषभदेवाय नमः २ श्री भवजलतारकाय २४ श्री सर्वदर्शनगम्याय ३ श्री विबुधार्चितपादपीठाय २५ श्री बुद्ध-शंकर-ब्रह्मा विष्णुरूपाय ४ श्री गुण समुद्राय २६ श्री भवोदधिशोषकाय ५ श्री सोऽहं रूपात्मकाय २७ श्री समस्त दोषेक्षण रहिताय ६ श्री मुखरीकारकाय २८ श्री अशोकवृक्ष परिपूजिताय श्री पापक्षायकाय २९ श्री सिंहासन परिपूजिताय श्री नाथस्वरूपाय ३० श्री चामर परिपूजिताय ९ श्री दुरित नाशकाय ३१ श्री छत्रत्रय परिपूजिताय १० श्री भुवन भूषणाय ३२ श्री उन्निद्रहेमनवपंकज पूजिताय ११ श्री अनिमेष विलोकन योग्याय ३३ श्री अनन्य धर्मोपदेशकारकाय १२ श्री त्रिभुवनैक ललाम भूताय ३४ श्री ऐरावतभय निवारकाय १३ श्री सुर-नर-उरग नेत्र हारकाय ३५ श्री हरिणाधिपभय निवारकाय १४ श्री त्रिजगदीश्वराय ३६ श्री दावानलभय निवारकाय १५ श्री अविकारमार्ग नायकाय ३७ श्री फणिपतिभय निवारकाय १६ श्री जगत्प्रकाशकाय ३८ श्री युद्धभय निवारकाय १७ श्री मुनीन्द्राय ३९ श्री जयविजय कारकाय १८ श्री नित्योदयकारकाय श्री समुद्र भय निवारकाय १९ श्री दलित तमस्काय ४१ श्री जलोदरादिरोगभय निवारकाय २० श्री अनंत ज्ञान युताय ४२ श्री निगडादिबंधनभय निवारकाय " २१ श्री हृदयतोषदायकाय ४३ श्री अष्टभय अभयकारकाय २२ श्री मरूदेवी पुत्राय ४४ श्री मानतुंग श्रीकारक भक्तामर स्तोत्र पूजिताय श्री ऋषभदेवाय नमः (२३८ आराधना दर्शन XXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX Jain Education International 2010_04 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002588
Book TitleBhaktamara Darshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajyashsuri
PublisherJain Dharm Fund Pedhi Bharuch
Publication Year1997
Total Pages436
LanguageSanskrit, English, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size50 MB
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