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परिशिष्ट - १
Appendices - 1
गम्भीरतारखपूरितदिगविभाग" ही अर्ह णमो घोरगुणबंभचारिणं।"
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सौ
खे दुन्दुभिर्ध्वनति ते यशसः प्रवादी
कुरु कुरु स्वाहा।
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" नमो हाँ ह्रीं हूँ ह्रौं ह्रः स्त्रैलोक्यलोकशुभसंगमभूतिदक्षः।
सौ
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सौ
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सौ
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ऋद्धि-ॐ ह्रीँ अर्ह णमो घोरगुणबंभचारिणं । मंत्र-ॐ नमो हाँ हाँ हूँ ह्रौँ हू: सर्वदोषनिवारणं कुरु कुरु स्वाहा । प्रभाव-संग्रहणी रोग तथा उदर की अन्य पीडाएँ दूर होती है ।
Removing stomach disorders.
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