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परिशिष्ट - २
दिव्या दिवः पतति ते वचसां ततिर्वा
नमो नमःः स्वाहा ।
Jain Education International 2010_04
मन्दार-सुन्दर - नमेरु- सुपारिजात
" ह्रीँ अर्हं णमो सव्वोसहिपत्ताणं ।”
क्लीँ
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MD 4
Appendices - 2
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" ह्रीँ श्रीँ क्लीँ ब्लँ
सन्तानकादिकुसमोत्करवृष्टिरुद्धा ।
ऋ
ऋद्धि-ॐ ह्रीँ अहं णमो सव्वोसहिपत्ताणं ।
मंत्र-ॐ ह्रीँ श्रीँ क्लीँ ब्लूं ध्यानसिद्धि परमयोगीश्वराय नमो नमः स्वाहा | प्रभाव - सब तरह के ज्वर दूर होते है ।
Removing all sorts of fever.
क्लीँ
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