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हरी-हर- ब्रह्म, बुद्ध आदि में सर्वत्र प्रभु पार्श्वनाथ का दिव्य स्वरूप ही विद्यमान है।
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पीलिया रोग से ग्रस्त व्यक्ति को वह श्वेत शंख भी पीला दीखता है।
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