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नाम
गान
मोहनीय
अन्तराय
Jain Education International 2010_03
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क्षमाशील प्रभु ने अष्ट कर्मरूपी शत्रुओं का नाश कर डाला।
ज्ञानावरण
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आयुष
वेदनीय
दर्शनावरण
आग से न जलने वाले वृक्ष शीतल बर्फ से नष्ट हो गये।
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