________________
महा सुख समृद्धिदायक मन्त्र एवं यन्त्र * मन्त्र : ॐ ही अर्ह अहँ श्रीं श्रीं शं शं नमो नमः । * प्रयोग-विधि : साधक पूर्ण शुद्धि के साथ तैयार होकर सविधि निम्नलिखित यन्त्र
को सम्मुख काष्ठपीठ पर स्थापित करें। स्वयं नैऋत्यकोण में आसन लगाकर श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के इस श्लोक के २१ बार मंगल पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ जी का ध्यान करें। ध्यान के पश्चात् मूंगे की माला से जप प्रारम्भ करें। सवा लाख मन्त्र-जप से सिद्धि होती है। तत्पश्चात् प्रतिदिन एक माला से जप करें।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
|
।
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
अर्ह
_
L
: E klapalh pulut HE CE
Jain Education International 2010_03
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org