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८ सर्वसंकटमोचक मन्त्र एवं यन्त्र * मन्त्र : ॐ अहँ अहँ नमो भगवते पार्श्वनाथ संकटमोचनं कुरु ठः ठः ठः
स्वाहा। * प्रयोग-विधि : साधक, शुद्ध होकर निम्नलिखित सर्वसंकटमोचक यन्त्र को सविधि
काष्ठपीठ पर स्थापित करके श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के पैंतीसवें श्लोक के २१ बार मंगल पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ का ध्यान करें। तदुपरान्त उक्त मन्त्र का जप शुभ वेला में प्रारम्भ करें। सवा लाख जप से जप-सिद्धि होती है। जप-सिद्धि के पश्चात् आवश्यकतानुसार २१ बार स्मरण-जप करके यथोचित मन्त्र-यन्त्र प्रयोग करें।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
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अर्हम्
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