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८ राजसम्मान प्रदायक मन्त्र एवं यन्त्र
मन्त्र : ॐ ही अर्ह अहं रत्नपीठ-सिहांसन शोभिताय राजसम्मान दायिने
सत्यस्वरूपाय स्वामिने नमो नमः। प्रयोग-विधि : साधक, रेशमी वस्त्र धारण कर निम्न यन्त्र को विधिवत् काष्ठ
फलक पर सम्मुख स्थापित कर स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके * बैठे तथा श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र के तेईसवें श्लोक के २१ बार पाठ से प्रभु पार्श्वनाथ का मंगल ध्यान-स्मरण कर उक्त राजसम्मान प्रदायक यन्त्र का मूंगे की माला से जप करें। सवा लाख जप से महाप्रभावी फल प्राप्त होते हैं।
-यन्त्रम्ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
राजसम्मानं
कारय
अर्ह
अर्ह
यंरल
यं रं लं
अर्ह यंरं लं
य र
अर्ह
लं
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय नमः
यरलं
अर्ह
यरल
सिद्धि
देहि
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