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प्रकाशकीय
सत्साहित्य, मानव जीवन में सद्गुण सौरभ का विकास करके सृष्टि में सुरम्यता तथा सहृदयता का संचार करता है। भारतीय सन्तों की उदात्त परम्परा में स्वनामधन्य विद्वन्मूर्धन्य, प्रतिष्ठाशिरोमणि, प. पू. आचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वर जी महाराज साहब का साहित्य भी सद्गुण समृद्धि के लिए निरन्तर प्रयासरत है।
ट्रस्ट मंडल,
सीमा सील
श्री सुशील कल्याण मन्दिर स्तोत्र, आचार्य श्रीमद् विजय सुशील सूरीश्वर जी महाराज साहब की एक अनुपम कृति है क्योंकि इसमें प्राचीन कल्याण मन्दिर स्तोत्र, का भक्ति सागर नूतन स्वरूप धारण कर भक्ति-भाव का अलौकिक रत्नाकर बन तरंगायित हो रहा है। साथ में प्राचीन कल्याण-मन्दिर स्तोत्र को भाविकों के हृदय में आत्मसात् करने के उद्देश्य से एक-एक श्लोक को रंगीन भावपूर्ण चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया है।
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PERFACCHI
परम पूज्य गुरुदेव ने अपने सफल साधक जीवन की अनुभूतियों एवं जैन मन्त्र-तन्त्र शास्त्रों के गहन ज्ञान से उद्भुत नूतन मन्त्र-यन्त्रों की समायोजना के साथ - इस पावन कृति को भाव- वन्दना करने योग्य बना दिया है।
प्रका
हम जैसे अल्पज्ञ, कुछ अधिक लिखने की स्थिति में नहीं हैं। प्रस्तुत प्रणयन को सुविज्ञ पाठकों के लिए प्रकाशित करते हुए हम अपने आपको कृतार्थ मानते हैं तथा पूर्ण श्रद्धा भक्ति एवं समर्पण भाव के साथ, प्रस्तुत ग्रन्थरत्न एवं श्री गुरुचरणों में भाव-वन्दना करते हैं।
साथ ही पुरुषादानी भगवान पार्श्वनाथ का सचित्र जीवन चरित्र भी इस कृति में प्रकाशित किया जा
रहा है।
प. पू. आचार्यदेव श्री जिनोत्तम सूरीश्वरजी म.सा. के प्रति भी कृतज्ञ हैं क्योंकि उनके मार्गदर्शन, संपादन बिना शायद इस महान कार्य का प्रकाशन सम्भव नहीं होता ।
संघवी श्री गुणदयालचंदजी भंडारी,
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शा. गणेशमल जी हस्तिमलजी मुठलिया,
●• संघवी श्री प्रकाशराजजी गेनमलजी मरडीया,
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संघवी श्री मांगीलालजी चुनीलालजी,
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शा. नैनमलजी विनयचंन्द्रजी सुराणा, शा. मांगीलालजी तातेड,
शा. देवराजजी दीपचंदजी राठौड,
• शा. रमणीकलाल मिलापचंदजी,
शा. पारसमलजी सराफ,
शा. गनपतराजजी चोपडा,
· शा. सुखपालचंदजी भंडारी,
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BAIR-TRIR
कल्याण मन्दिर स्तोत्र के चित्रों को कलात्मक तरीके से बनवाने एवं पुस्तक की सुन्दर साज-सज्जा, मुद्रण आदि में 'श्री दिवाकर प्रकाशन, आगरा के श्री संजय सुराना ने भी अपनी कलात्मक दृष्टि का परिचय दिया है। एतदर्थ उन्हें भी धन्यवाद ।
-जैनं जयति शासनम् ।
नीलम
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प्रकाशक
श्री सुशील साहित्य प्रकाशन समिति, जोधपुर
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