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________________ पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा | जैन तीर्थ परिचायिका जिला भुवनेश्वर मूलनायक : श्री आदिनाथ प्रभु पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : तीर्थ भुवनेश्वर स्टेशन से 10 कि.मी., भुवनेश्वर शहर से 5 कि.मी. दूर 37 मीटर ऊँचे श्री खण्डगिरि खण्डगिरि पहाड़ पर स्थित है। रेल्वे स्टेशन से 1 कि.मी. की दूरी पर बस स्टैण्ड है। स्टेशन उदयगिरि तीर्थ पर बस, ऑटो रिक्शा, रिक्शा व टैक्सी की सुविधा उपलब्ध है। पेढ़ी : परिचय : कलिंग जनपद जैन-धर्म का प्रारम्भ से ही मुख्य केन्द्र रहा है। इस मन्दिर के निकट श्री खण्डगिरि-उदयगिरि तीन और मन्दिर हैं। इस खण्डगिरि पर्वत के सम्मुख ही उदयगिरि पर्वत है। इन दोनों पर्वत जैन दिगम्बर सिद्धक्षेत्र पर गुफाओं में प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं। यहाँ गुफाओं में उत्कीर्ण अनेकों प्राचीन कार्यालय कलात्मक प्रतिमाएँ अत्यन्त ही दर्शनीय हैं। यहाँ का हाथी-गुफा का शिलालेख पुरातव की डाकघर खण्डगिरि दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण है जो लगभग 2200 वर्ष प्राचीन माना जाता है। पहाड़ी से भुवनेश्वर जिला भुवनेश्वर (उड़ीसा ) शहर का विहंगम दृश्य दिखाई देता है। फोन : (0674) 470784 ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए पहाड़ी की तलहटी में खण्डगिरि दिगम्बर जैन धर्मशाला है। बाजार, होटल आदि एक फांग की दूरी पर है। दर्शनीय स्थल : उड़ीसा नैसर्गिक सौन्दर्य के लिए जाना जाता रहा है, परन्तु 1999 में आई चक्रवात के रूप में भीषण विपदा ने, इसके तटीय क्षेत्र पर, अपना क्रूर दृष्टिपात कर इसकी सौन्दर्यता और यहाँ के जनजीवन को तहस-नहस कर दिया। उड़ीसा में भुवनेश्वर में रेल्वे स्टेशन से 3.5 कि.मी. दूर विश्व-विख्यात लिंगराज मन्दिर अत्यन्त दर्शनीय है। लिंगराज मन्दिर के निकट ही बिन्दु सरोवर है। सरोवर के तट पर अति प्राचीन अनन्त वासुदेव मन्दिर है। भुवनेश्वर-पुरी मार्ग पर स्थित केदार गौरी के तट पर मुक्तेश्वर मन्दिर है। इसके सामने परशुरामेश्वर मन्दिर है। यहाँ ब्रह्मेश्वर मन्दिर भी अत्यन्त दर्शनीय है। भुवनेश्वर से 64 कि.मी. कोणार्क का प्रसिद्ध सूर्य मन्दिर है, अपनी अन्यतम शिल्पकला के लिए यह विश्व में प्रसिद्ध है। पुरी से इसकी मेरिन ड्राइव मार्ग से दूरी मात्र 35 कि.मी. है। यह मन्दिर एक रथ के आकार में बना है। ऐसा प्रतीत होता है मानों अश्व इस रथ को खींच रहे हों। भुवनेश्वर से 25 कि.मी. दूर कटक में चन्द्रप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर दर्शनीय है। यहाँ धर्मशाला भी है। भुवनेश्वर से 60 कि.मी. दूरी पर स्थित पुरी हिन्दू तीर्थ के रूप में प्रतिष्ठित है। हिन्दुओं की आस्था का यह प्रमुख स्थान है। पुरी में जगन्नाथ देव का मन्दिर है। पुरी के लिए सभी प्रमुख शहरों से ट्रेन सेवा है। पुरी से राज्य के विभिन्न स्थानों के लिए बस सेवा उपलब्ध है। शहर में बस, रिक्शा, ऑटो टैक्सी सभी उपलब्ध हैं। जगन्नाथ मन्दिर के निकट ही इन्द्रद्युम्न सरोवर भी तीर्थ स्थली है। मार्केण्डेयेश्वर मन्दिर, शिवमन्दिर, लोकनाथ, साक्षी गोपल, चक्रतीर्थ, बड़े ठाकुर शनि आदि भी दर्शनीय स्थल हैं। ucation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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