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________________ जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ भगवान, पद्मासनस्थ । मार्गदर्शन : यह तीर्थ अजीमगंज सिटी रेल्वे स्टेशन से लगभग 1 कि.मी. की दूरी पर स्थित है । मुर्शीदाबाद से यह लगभग 20 कि.मी. दूर पड़ता है। मुर्शीदाबाद से बहरमपुर 14 कि.मी. दूर है। स्टेशन पर ऑटो रिक्शा उपलब्ध रहता है। कोलकाता से यह तीर्थ लगभग 220 कि.मी. तथा भागलपुर से 230 कि.मी. दूर है। अजीमगंज के सभी 8 मंदिर एक दूसरे के समीप ही है। अजीमगंज से जियागंज तथा काठगोला 4 कि.मी. दूर स्थित हैं। दोनों ही तीर्थ गंगा के दूसरी ओर हैं। अजीमगंज से ट्रेन से खागड़ा घाट होकर रोड, बहरमपुर या सीधे-कोलकाता के लिए ट्रेन है। जैन व्यवसायियों के प्रयास से अजीमगंज आजकल एक प्रमुख व्यापारिक केन्द्र बन गया 1 परिचय : इस मन्दिर का निर्माण लगभग 125 वर्ष पूर्व हुआ बताया जाता है। बंगाल की पंचतीर्थी का यह भी एक मुख्य तीर्थ स्थान है । इस मन्दिर में नवरत्नों की ३० प्रतिमाएँ मनमोहक एवं दर्शनीय हैं। वर्तमान में इसके अतिरिक्त सात और मन्दिर हैं । भागीरथी गंगा नदी के किनारे बसे इस स्थल का दृश्य अत्यन्त सुन्दर है । विशाल प्राचीन इमारतें यहाँ के पूर्व वैभव की याद दिलाती हैं। इस मन्दिर में कसौटी पत्थर में बना बारसाख अति ही कलात्मक व सुन्दर है 1 ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए यहां मन्दिर में ही धर्मशाला है। पूर्व सूचना देने पर भोजन व्यवस्था कर दी जाती है । यहाँ एक ही होटल है, होटल अन्नपूर्णा । मूलनायक : श्री सम्भवनाथ भगवान । मार्गदर्शन : यह तीर्थ जियागंज स्टेशन से 2 कि.मी. दूर मुख्य मार्ग पर जियागंज बाजार (महाजन पट्टी) में स्थित है। जियागंज को बालूचर भी कहते हैं । मन्दिर तक कार व बस जा सकती है। जियागंज स्टेशन पर ऑटो रिक्शा आदि साधन मिल जाते हैं। मुर्शीदाबाद से यह स्थान 5 कि.मी. तथा बहरमपुर से 20 कि.मी. दूर है। बहरमपुर के लिए कोलकाता से नियमित बस सेवा उपलब्ध है । बहरमपुर से जियागंज के लिए ट्रेकर, बस, ट्रेन आदि उपलब्ध हैं। जियागंज रेलवे स्टेशन पर कोलकाता आने-जाने वाली 15 से अधिक रेलों का ठहराव है। यह स्टेशन सियाल्दाह स्टेशन से 200 कि.मी. दूर है। यह नगरी जैन व्यवसायियों की व्यापार नगरी है। कोलकाता से जियागंज के लिए कोलकाता परिवहन की बस अपराह्न 1 बजे कोलकाता से निकलकर सायं 7 बजे जियागंज पहुँचती है। प्रातः 7.30 बजे यही बस वापिस कोलकाता के लिए रवाना होती है । परिचय : गंगा नदी के किनारे बसे जियागंज शहर के इस मन्दिर का निर्माण लगभग 150 वर्ष पूर्व हुआ प्रतीत होता है। लेकिन प्रतिमा प्राचीन है। बंगाल की पंचतीर्थी का यह एक तीर्थ स्थान है। वर्तमान में इस मन्दिर के अतिरिक्त चार और मन्दिर हैं। मन्दिर की निर्माण शैली व प्रभुप्रतिमा की कला दर्शनीय है। इसके निकट ही श्री विमलनाथ भगवान के मन्दिर में हाथ के बने प्राचीन चित्र कलात्मक हैं। शहर के दक्षिण में साधक बाग भी दर्शनीय है । यहाँ विष्णु व उनके विभिन्न अवतारों की 500 मूर्तियाँ व हजारों शालीग्राम का संग्रह उल्लेखनीय है । जियागंज और अजीमगंज की 4 कि.मी. परिधि में 14 ऐतिहासिक और प्राचीन विशाल मन्दिर हैं। ठहरने की व्यवस्था : ठहरने के लिए श्री विमलनाथ भगवान के मन्दिर के अहाते में धर्मशाला है । भोजनशाला व आयम्बिलशाला की सुविधा सूचना देने पर उपलब्ध हो जाती है । दिगम्बर जैन धर्मशाला भी है । बहरमपुर में छोटे-बड़े अनेक होटल उपलब्ध हैं 1 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only पश्चिम बंगाल एवं उड़ीसा जिला मुर्शीदाबाद श्री अजीमगंज तीर्थ पेढ़ी : श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ जैन मन्दिर डाकघर अजीमगंज - 742 12: जिला मुर्शीदाबाद (पश्चिम बंगाल) श्री जियागंज तीर्थ पेढ़ी : श्री सम्भवनाथ भगवान जैन मन्दिर मेन रोड, जियागंज जिला मुर्शीदाबाद (पश्चिम बंगाल ) फोन : 03483-55775 www.jainelibrary.o
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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