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________________ बिहार जैन तीर्थ परिचायिका वीरायतन राजगिरी से कुछ ही दूरी पर 'वीरायतन' स्थित है। जहाँ पर श्री अमर मुनि जी की प्रेरणा से एक विशाल सेवा केन्द्र की स्थापना हुई। आचार्य चन्दना जी ने इस सेवा केन्द्र को अन्तर्राष्ट्रीय मानचित्र पर अंकित कर दिया है। यहाँ पर ठहरने व भोजन आदि की सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। यहाँ का ब्राह्मी कला मन्दिर दर्शनीय है। यह पूरा केन्द्र ही अति मनोरम एवं दर्शनीय है। मूलनायक: श्री विमलनाथ स्वामी, पद्मासनस्थ । जिला पटना मार्गदर्शन : पटना साहेब स्टेशन से 2 कि.मी. तथा पटना जंक्शन स्टेशन से यह तीर्थ 10 कि.मी. दूर है। पटना साहेब से रिक्शा, ऑटो तथा पटना जंक्शन से टैक्सी, ऑटो रिक्शा का साधन श्री पाटलीपुत्र तीर्थ उपलब्ध है। यहाँ से गया 90 कि.मी., पावापुरी 80 कि.मी., राजगिरी 102 कि.मी. तथा . पेढी: वैशाली 54 कि.मी. दूर है। पटना से राज्य में सभी स्थलों के लिए नियमित बस सेवा की व्यवस्था है। पटना व हाजीपुर के बीच गंगा पर 3 कि.मी. लम्बा भारत का दीर्घतम पल गाँधी श्री पटना ग्रुप आफ ब्रिज बनने के कारण उत्तर बिहार अब पटना से सगमता से जड गया है। पटना देश के श्वेताम्बर टेम्पल्स कमेटी विभिन्न-विभिन्न प्रान्तों से सडक एवं रेल्वे मार्ग द्वारा जडा है। यहाँ वाययान सविधा भी बाड़ा गली, पटना सिटी उपलब्ध है। दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता वायुमार्ग द्वारा भी यहाँ से संपर्क में है। (बिहार)-800 008 परिचय : आज का पटना शहर प्राचीन काल में कुसुमपुर, पुष्पपुर आदि नाम से प्रचलित था। फोन : 0612-645777 इस नगर की स्थापना राजा उदयन ने की थी तत्पश्चात् महापद्मनन्द, चन्द्रगुप्त आदि पराक्रमी श्री स्थूलभद्र श्रेष्ठी सुदर्शन राजा यहाँ हए। ये सारे राजा जैन धर्मावलम्बी थे। वर्तमान में इस मन्दिर के अतिरिक्त एक तीर्थ जीर्णोद्धार ट्रस्ट, श्वेताम्बर मन्दिर, पाँच दिगम्बर मन्दिर, गुलजार बाग तालाब के किनारे सुर्दशन सेठ स्मारक कमलदह, व आर्य स्थूलिभद्रजी के स्मारक 5 एकड़ क्षेत्र में बने हुए हैं। जो अत्यन्त दर्शनीय हैं। इसी आगमकंआ-पटना मन्दिर में श्री पार्श्वनाथ भगवान की एक प्राचीन प्रतिमा अति मनोरम है। दिगम्बर मन्दिर में भी प्रतिमाएँ अति सुन्दर दर्शनीय हैं। मन्दिर के निकट में गुरुगोविन्द सिंह जी का जन्म स्थान श्री दादावाड़ी जीर्णोद्धार गुरुद्वारा है। गंगा तट, गोलघर, अजायबघर, तारामण्डल, चिड़ियाघर एवं कुराल गार्डन भी। कमेटी, यहाँ के दर्शनीय स्थल हैं। पटना साहेब स्टेशन के पास नवाब शहीद का मकबरा है। बगमपुर, पटना सिटा पटना के गुरुदेव नगर, बेगमपुर में 400 वर्ष प्राचीन श्री दादावाड़ी जैन मन्दिर भी दर्शनीय है। यहाँ मणिधारी श्री जिनचन्द्रसूरि व जिनकुशलसूरिजी के चरण चिह्न विद्यमान हैं। ठहरने की व्यवस्था : वर्तमान में यहाँ ठहरने के लिए मन्दिर के प्रांगण में चार कमरे एवं एक हॉल की व्यवस्था है। मन्दिर के निकट ही होटल एवं बाजार आदि भी हैं। अभी यहाँ भोजनशाला एवं भाता की व्यवस्था नहीं है। डाक बंगला चौक में साधारण होटलों का जमवाड़ा है। शहर में अनेक धर्मशालाएँ एवं विभिन्न स्तर के होटल उपलब्ध हैं। जिला वैशाली मूलनायक : श्री महावीर भगवान, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : वैशाली के निकटतम स्टेशन, मुजफ्फरपुर 34 कि.मी. तथा हाजीपुर 36 कि.मी. है। ' मुजफ्फरपुर के लिए दिल्ली, पटना, धनबाद, सोनपुर, टाटा नगर, कोलकाता से रेल सेवा उपलब्ध है। मुजफ्फरपुर से वैशाली के लिए बसें उपलब्ध हैं। कोलकाता से वैशाली सी. 686 कि.मी. है। गया से यह 310 कि.मी., वाराणसी से 480 कि.मी. है। पटना से बस , श्री वैशाली कुण्डलपुर द्वारा यह 54 कि.मी. दूर है। बसें लगभग 2 घन्टे लगाती हैं। तीर्थ क्षेत्र कमेटी परिचय : कहा जाता है कि वैशाली की स्थापना इक्ष्वाकु और अलम्वषा के पुत्र विशाल राजा ने डा.-वैशाली-844 128 की थी। यह भी मत है कि कई गाँवों को सम्मिलित करके इसे विशाल रूप दिया गया (बिहार) _Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelie/a31rg
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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