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________________ पंजाब, हिमाचल, जम्मू शिमला कालीबाड़ी (कालीमन्दिर) जैन तीर्थ परिचायिका मन्दिर में श्यामला देवी की पूजा होती है। कालीबाड़ी बस स्टैण्ड के ऊपरी सिरे पर माल से सटा हुआ है। शिमला के सर्वोच्च शिखर जाकू हिल्स शिमला शहर की तलहटी में शिमला कालका रेलवे लाइन में शिमला से पहले का स्टेशन का समर हिल है। दरी 5 कि.मी. एवं ऊँचाई 1983 मी. है। 2 कि.मी. आगे जाकर पर्यटक 1586 मी. की ऊँचाई पर 67 मी. की ऊँचाई से गिरनेवाले चाँदवीक जलप्रपात का दर्शन भी कर सकते हैं। हालाँकि जलप्रपात का सौन्दर्य बहुत ही अनूठा है परन्तु यहाँ तक पहुँचने के लिए कठिन पहाड़ी चढ़ाई से गुजरना पड़ता है। शहर से 5 कि.मी. पश्चिम में 2145 मी. की ऊँचाई पर बैलोगंज से 15 मिनट के पहाड़ी रास्ते में वनभोज का बहुत ही मनोरम स्थान है, नाम है प्रास्पेक्ट हिल। नैसर्गिक सौन्दर्य के लिए वह सैलानियों में बहुत लोकप्रिय है। पहाड़ी शिखर पर कामनादेवी का एक छोटा सा मन्दिर है। शहर में 9.6 कि.मी. दूर रेल या गाड़ी से 1851 मी. की ऊँचाई पर स्थित तारादेवी के मन्दिर पहाड़ी शिखर पर शिवमन्दिर भी है। शहर से 13 कि.मी. दूर कुफरी के रास्ते में 2593 मी. की ऊँचाई पर पाइन वृक्षों से आच्छादित वाइल्ड फ्लावर हॉल है। Wild Flower से 3 और शहर से 16 कि.मी. दूर 2633 मी. की ऊँचाई पर कुफरी है। यह स्थान नैसर्गिक सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध है। दिसम्बर से मार्च महीने में यहाँ स्की का खेल जोरों पर चलता है। और भी 3 कि.मी. आगे बढ़ने पर 2279 मी. की ऊँचाई पर क्रेकानानोर, ओक और पाइन के सघन वन में अम्यूजमेण्ट पार्क मनोरंजन की अभिनव उपलब्धियों से समृद्ध है। कुफरी से 6 और शिमला से 22 कि.मी. दूर 2 510 मी. की ऊँचाई पर है फागु भारत के समतली प्रदेशों के साथ कालका एवं अम्बाला होकर शिमला का रेल सम्पर्क बना है। शिमला पहाड़ एवं उत्तर भारत के विभिन्न शहरों के बीच बस सर्विस भी हैं। चैल (Chail) शिमला के कुफरी होकर 45 कि.मी. दूर 2250 मी. की ऊँचाई पर चैल है। शिमला कालका रास्ते के कन्दाहार होकर रास्ते की दूरी 60 कि.मी. और कालका से 84 कि.मी. है। शिमला और कालका से चैल के लिए बस जाती है। बैजनाथ योगीन्दर नगर से 22 और पालमपुर से 16 कि.मी. पहले ही कांगड़ा उपत्यका की अन्तिम सीमा पर 1360 मी. की ऊँचाई पर बसा है छोटा सा शहर बैजनाथ 1804 ई. में निर्मित मन्दिर में द्वादश ज्योतिर्लिंग के अन्यतम बैद्यनाथ शिव के दर्शन करते हुए चलिए। एक ही अहाते में और भी 16 मन्दिर हैं। बस स्टैण्ड के पास ही नक्काशीदार मन्दिर उड़ीसा के मन्दिरों के ढ़ग का है। देवमूर्ति भी सुन्दर है। मन्दिर के प्रवेशपथ में गंगा, यमुना सहित विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं। 56 कि.मी. दूर धरमशाला ठरहने के लिए-धरमशाला, पार्वती गेस्ट हाउस एवं टीले के आकार का PWD, IH है बैजनाथ में। IH से धौलाधार भी सुन्दर दृश्यमान है। पालमपुर बैजनाथ दर्शन के बाद पालमपुर घूमफिर कर कांगड़ा/पठानकोट या 40 कि.मी. दूर धरमशाला, बस से पहुँचिए। इस पथ पर हर घडी बस सेवा उपलब्ध है। ट्रेन भी पालमपुर होकर योगीन्दरनगर से आकर 114 कि.मी. दूर पठानकोट जाती है। Jain Edupation International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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