SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 195
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री चन्द्रप्रभु भगवान, पद्मासनस्थ । मार्गदर्शन : यह तीर्थ मंगलूर से 62 कि.मी. दूर धर्मस्थल के पास छोटी पहाड़ी पर (जिसे चन्द्रनाथ स्वामी कहते हैं) स्थित है । हसन - मंगलोर मार्ग पर, यहाँ से हसन लगभग 120 कि.मी. दूर है। यह ग्राम चारों ओर से नेत्रावती नदी से घिरा हुआ है। परिचय : इसका प्राचीन नाम कुडुमा था । दानी जैन परिवार के श्री विरेन्द्र हेगड़े के पूर्वजों ने इस मन्दिर का निर्माण करवाया था । हेगड़े परिवार के सदस्य निःस्वार्थ भाव से आज भी इस तीर्थ की देख-रेख करते हैं। यह एक सर्वधर्म समन्वय का केन्द्र है। हर वर्ष सामूहिक विवाह यहाँ इस संस्था के प्रबन्ध से होते हैं । हेगड़े भवन में दो जिन मन्दिर हैं। गाँव के निकट ही एक पहाड़ी पर श्री बाहुबली भगवान की खड्गासन भव्य प्रतिमा है। एक मंजुनाथ स्वामी (शिव) देवालय भी है। प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए धर्मस्थल प्रसिद्ध है । मन्दिर की शिल्पकला और सौन्दर्य दर्शनीय है । ठहरने की व्यवस्था : नेत्रावती व वैशाली सभी सुविधायुक्त धर्मशालाएँ हैं । यहाँ और भी अनेक धर्मशालाएँ हैं । मूलनायक : श्री बाहुबली भगवान, कायोत्सर्ग मुद्रा में 1 मार्गदर्शन : यह तीर्थ विन्ध्यगिरि पर्वत पर स्थित है। हसन-बेंगलोर मार्ग पर हसन से 52 कि.मी. दूर यह तीर्थ है। यह मैसूर से 115 कि.मी., बेंगलोर से 155 कि.मी. तथा बेलूड़ से 86 कि.मी. दूर है। मैसूर से प्रातः प्रत्येक घन्टे श्रवणबेलगोला के लिए बस सेवा उपलब्ध है। हसन से भी बस सेवा उपलब्ध है। तलहटी से 644 सीढ़ियाँ तय कर ऊपर बाहुबली भगवान की विशाल प्रतिमा के चरणों तक पहुँचा जाता है। हसन से बस लगभग डेढ़ घन्टे में श्रवणबेलगोला पहुँच जाती है। परिचय : यहाँ प्रभु का महामस्तकाभिषेक बारह वर्षों के अंतराल से होता है। एक मान्यता के अनुसार सम्राट् चन्द्रगुप्त तपस्या करते हुए यहीं पर स्वर्ग सिधारे इसलिए इस पर्वत का नाम चन्द्रगिरि पड़ा । विन्ध्यगिरि पर्वत पर सात मन्दिर हैं तथा चन्द्रगिरि पर्वत पर 15 मन्दिर हैं । श्री बाहुबली भगवान की भव्य 17.5 मीटर ऊँची प्रतिमा का सौम्य, शान्त, गंभीर रूप बरबस मन को भक्तिभाव की ओर खींच लेता है। विन्ध्यगिरि व चन्द्रगिरि पर्वतों के मध्य विशाल जलकुण्ड की अपनी एक विशिष्ट शोभा है । उहरने की व्यवस्था : तलहटी में ठहरने के लिए धर्मशाला है। कर्नाटक टूरिज्म का टूरिस्ट होम तथा एक अन्य गेस्ट हाऊस भी यहाँ है । Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only कर्नाटक श्री धर्मस्थल तीर्थ पेढ़ी : धर्मस्थल संस्था डाकघर धर्मस्थल - 574 216, जिला दक्षिण कन्नड़ (कर्नाटक) जिला हसन श्री श्रवणबेलगोला तीर्थ पेढ़ी : श्री दिगम्बर जैन इंस्टीट्यूशन कमेटी डाकघर श्रवणबेलगोला, जिला हासन - 573 135 ( कनार्टक ) www.jainelibrary161
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy