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________________ पंजाब जैन तीर्थ परिचायिका पंजाब, हिमाचल, जम्मू मूलनायक : श्री वासुपूज्य भगवान। मार्गदर्शन : पंजाब के होशियारपुर रेल्वे स्टेशन से सवा दो कि.मी. की दूरी पर शीशमहल बाजार के बीच यह तीर्थ है। हिमाचल प्रदेश में स्थित माता चिंतापर्णी ज्वाला जी. कांगडा. श्री स्वर्णमन्दिर धरमशाला, चामुण्डा देवी, पालमपुर के लिए यहाँ से निरंतर बस सेवा है। परिचय : इस मंदिर के शिखर पर स्वर्ण चादर मढ़ी गयी है इसलिए यह स्वर्णमन्दिर के नाम से जाना होशियारपर जाता है। मूलनायक जी की सुन्दर भव्य प्रतिमा बरबस ही अपनी ओर आकर्षित करती है। प्रतिमा की सुन्दरता देखते ही बनती है। यहाँ पर स्थित धातु का सुन्दर समवसरण अत्यंत दर्शनीय है। होशियारपुर होशियारपर जालन्धर से सडक मार्ग से 45 कि.मी. दर है। यहाँ ठाकर दयाराम टिटोवाली मन्दिर की सुन्दर चित्रावलियाँ दर्शकों को विमुग्ध कर देती हैं। इनमें श्रीकृष्ण व रासलीला के चित्र भी काफी सुरुचिपूर्ण एवं आकर्षक हैं। होशियारपुर में ठहरने के लिए होटल व धर्मशालाएँ हैं। नंगल-चण्डीगढ़ 2.30 घण्टे का मार्ग है। इस मार्ग पर अनवरत बस सेवा है। नंगल से नंगल 13 कि.मी. दूर सतलज नदी पर हिमाचल प्रदेश का भाखड़ा बाँध है। नंगल से हिमाचल प्रदेश के भाखड़ा के लिए बसें जाती हैं। भाखड़ा बाँध का ही एक अंश-विशेष है नंगल। दिल्ली, अम्बाला, पटियाला, जालन्धर, पठानकोट, धरमशाला, मनाली से भी बसें नंगल जाती हैं। वापसी के मार्ग में नंगल-चण्डीगढ़ सड़क पर नंगल से 23 कि.मी. दूर आनन्दपुर साहिब के दर्शन किये जा सकते हैं। नंगल-अम्बाला रेलमार्ग पर नैनादेवी के निकट आनन्दपुर साहिब है। चण्डीगढ़ से बस द्वारा भाखड़ा-नंगल आनन्दपुर एक ही दिन में घूमकर वापस जाया जा सकता है। सिख सम्प्रदाय के लिए आनन्दपुर साहिब एक अति पवित्र तीर्थ-स्थल है। दुग्ध धवल, सुन्दर नक्काशी वाला यह गुरुद्वारा दूर से ही दर्शकों को मोहित कर लेता है। चण्डीगढ़ देश के सभी प्रमुख नगरों से अमृतसर रेल एवं सड़क मार्ग से जुडा हुआ है। दिल्ली से 441 कि.मी., जम्मू से 219 कि.मी., पठानकोट से 112 कि.मी., जालन्धर | अमृतसर से विभिन्न से 65 कि.मी., चण्डीगढ़ से 284 कि.मी. दूर तथा जयपुर से यह 707 कि.मी. दूर शहरों की सड़क मार्ग है। रेल्वे स्टेशन से 2 कि.मी. दूरी पर बस स्टैण्ड स्थित है। जहाँ से हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, से दूरी पंजाब आदि के लिए निरन्तर बस सेवाएँ हैं। पठानकोट 112 कि.मी. डलहौजी 190 कि.मी. नैना देवी जालन्धर 65 कि.मी. नंगल-अम्बाला रेलमार्ग पर आनन्दपुर के बाद का स्टेशन है किरतपुर साहिब। आनन्दपुर लुधियाना 136 कि.मी. से इसकी दूरी 8 कि.मी. है। किरतपुर से सड़क मार्ग से 14 कि.मी. जाकर बायीं ओर आगरा 646 कि.मी. के मार्ग पर और 14 कि.मी. जाने पर 3000 फीट की ऊँचाई पर एक त्रिकोणीय पहाड़ी जम्मू । 219 कि.मी. के टीले पर नैना देवी का परिदर्शन भी बसों से जाकर किया जा सकता है। देवी की प्रसिद्धि | धरमशाला 250 कि.मी. कामना-पूरण करने वाली आराध्या के रूप में है। बिलासपुर की दूरी 64 कि.मी. है। नैना |चण्डीगढ़ 284 कि.मी. देवी के मन्दिर से आनन्दपुर साहिब और गोविन्द सागर का दृश्य भी काफी मनोरम और दिल्ली 441 कि.मी. सौन्दर्यपरक होता है। ठहरने के लिए व धर्मशाला है। जयपुर 707 कि.मी. Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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