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जैन तीर्थ परिचायिका
मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान, कायोत्सर्ग मुद्रा ।
मार्गदर्शन : यह तीर्थ रामटेक रेल्वे स्टेशन से 5 कि.मी. दूर स्थित है, जहाँ से ताँगों, रिक्शों इत्यादि की सुविधा उपलब्ध हैं। नागपुर से 42 कि.मी. नागपुर रामटेक शाखा का यह अंतिम स्टेशन है। प्रात: 5.45, 11.20 एवं सायं 6.30 बजे नागपुर से यहाँ के लिए ट्रेनें जाती हैं। वापसी प्रातः 7.40, दोपहर 2.00, रात्रि 8.20 बजे है। नागपुर से बस सेवा भी उपलब्ध है। परिचय : रामटेक क्षेत्र का इतिहास बीसवें तीर्थंकर भगवान मुनिसुव्रत स्वामी के काल का है। आचार्य रविषेण ने पद्मपुराण में रामचन्द्रजी द्वारा वंशगिरि में हजारों जिन मन्दिरों के निर्माण का उल्लेख करते हुए यह भी सूचित किया है कि इस वंशगिरि का ही नाम रामगिरी हो गया। भगवान शांतिनाथ को मनवांछित फल को पूर्ण करने वाले बताया है । इस मन्दिर के अतिरिक्त आठ और मन्दिर हैं एवं एक भव्य मानस्तम्भ भी है । यहाँ पर दिव्य मन्दिरों के शिखरों की वास्तु कला अत्यधिक प्राचीन, अनुपम एवं निराले ढंग की है। कहा जाता है कि रामटेक की नैसर्गिक सौन्दर्यता से अभिभूत होकर महाकवि कालीदास ने मेघदूतम की रचना की थी ।
ठहरने की व्यवस्था : मन्दिर के निकट एक विशाल धर्मशाला है जिसमें भोजनालय के अतिरिक्त अन्य सारी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। 6 कि.मी. दूरी पर हालिडे रिजॉर्ट भी उपलब्ध है।
मूलनायक : स्वप्नदेव श्री केशरिया पार्श्वनाथ भगवान, अर्द्ध पद्मासनस्थ ।
मार्गदर्शन : यह तीर्थ भांदक रेल्वे स्टेशन से 1.6 कि.मी. दूर भद्रावती गाँव में विशाल बगीचे के मध्य स्थित है, जहाँ से रिक्शे की सुविधा उपलब्ध है। तीर्थ स्थल तक पक्की सड़क है। चंद्रपुर यहाँ से 32 कि.मी. दूर है। चंद्रपुर से बस सुविधा उपलब्ध है। चंद्रपुर- वर्धा जाने वाली बसों का यहाँ ठहराव होता है। चंद्रपुर रेल्वे स्टेशन पर कई एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव है। चंद्रपुर नागपुर से 195 कि.मी. दूर है। भांदक जी चंद्रपुर से बस द्वारा जाना अधिक सुविधाजनक है । चन्द्रपुर से 8 कि.मी. दूर बल्लारपुर स्टेशन पर नागपुर से दक्षिण भारत की ओर आने-जाने वाली प्रत्येक गाड़ी का ठहराव है।
परिचय : पुरातन अवशेषों से पता चलता है कि यह तीर्थ अति प्राचीन है जिसे भारतीय पुरातत्व विभाग ने रक्षित स्मारक घोषित किया था । यहाँ अनेक चमत्कारिक घटनाएँ घटती रहती हैं। प्रति वर्ष पौष कृष्ण को यहाँ मेला लगता है। इसके अतिरिक्त श्री आदीश्वर भगवान का मन्दिर तथा गुरु मन्दिर भी इसी बगीचे में स्थित हैं । यहाँ भूगर्भ से प्राप्त अनेकों प्राचीन प्रतिमाएँ व खण्डहर के अनेक अवशेष भी पाये जाते हैं। चौमुखी प्रतिमा में भगवान श्री पार्श्वप्रभु, श्री चन्द्रप्रभु, श्री आदिनाथ प्रभु के प्रतिबिम्ब है, जो इस प्रतिमा की विशेषता है। ठहरने की व्यवस्था : सभी सुविधायुक्त धर्मशाला है। भोजनालय आदि की पूर्ण सुविधा उपलब्ध हैं। गाँव में बाजार भी है ।
दर्शनीय स्थल : चंद्रपुर से 45 कि.मी. दूर ताड़ोबा राष्ट्रीय उद्यान में चीता, बाघ, तेंदुआ, भेड़िया, हिरण, बारहसिंगा आदि देखे जा सकते हैं। उद्यान में मिनी बस द्वारा इन्हें दिखाने की सुन्दर व्यवस्था है।
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महाराष्ट्र
महाराष्ट्र तीर्थ श्री रामटेक तीर्थ
पेढ़ी :
श्री 1008 शान्तिनाथ
दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र डाकघर रामटेक, जिला नागपुर (महाराष्ट्र)
श्री भद्रावती तीर्थ
पेढ़ी :
श्री जैन श्वेताम्बर मण्डल डाकघर भद्रावती, जिला चन्द्रपुर (महाराष्ट्र )
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