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________________ गुजरात श्री मोटा पोसीना तीर्थ पेढ़ी : श्री मोटा पोसीनाजी जैन तीर्थ पेढी मु. पो. मोटा पोसीना, ता. खेडब्रह्मा, जि. साबरकांठा - 383 422 (गुजरात) फोन : (02775) 83471 जिला सूरत श्री आगम मंदिर 142 Jain Education International 2010_03 जैन तीर्थ परिचायिका मूलनायक : श्री विघ्नहरा पार्श्वनाथ भ., श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ । मार्गदर्शन : नजदीक का रेल्वे स्टेशन खेडब्रह्मा 45 कि.मी. दूरी पर है। स्टेशन से बसों एवं टैक्सियों की सुविधा उपलब्ध है। तीर्थ पर सुबह 9 से शाम 5 बजे तक बसों का आवागमन रहता है । खेडब्रह्मा से अंबाजी मार्ग में अंबाजी (कुंभरियाजी) से लगभग 29 कि.मी. पूर्व पोसीना के लिए मार्ग गया है। यह ईडर से 70 कि.मी. दूर है। यह तीर्थ राजस्थान - गुजरात सीमा के निकट है। परिचय : यहाँ की प्रतिमा एक पेड़ के नीचे भूगर्भ से विक्रम की तेरहवीं सदी में प्राप्त हुई थी। यहाँ श्री महावीर भगवान के मंदिर में श्री क्षेत्रपाल जी अति ही चमत्कारी है, जैन जैनेतर लोगों में इनकी अति मान्यता है । यहाँ के मंदिरों की प्रतिमाएँ प्राचीन एवं कलात्मक हैं । ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर सुविधायुक्त धर्मशाला तथा भोजनशाला है। धर्मशाला में अटैच्ड बाथरूम के 15 कमरे उपलब्ध है। मूलनायक : श्री महावीर स्वामी भगवान । मार्गदर्शन : यह तीर्थ मुम्बई-अहमदाबाद मार्ग पर यह स्थित है । अहमदाबाद से 255 कि.मी. दूर, मुम्बई से 263 कि.मी. धुले से 220, नासिक से 235 - बडोदरा से 142 कि.मी. दूरी पर स्थित है। राज्य के सभी प्रमुख स्थानों से यह बस, रेल मार्ग के सम्पर्क में है । परिचय : सूरत भारत का प्रसिद्ध शहर है। यहाँ पर रत्नजड़ित अलंकार तैयार करना, हीरों का काम, जरी की साड़ियाँ तैयार करना प्रमुख उद्योग हैं। यहाँ कपड़ों का बाजार सुप्रसिद्ध है । यह कोई प्राचीन तीर्थस्थान नहीं है किन्तु आगमोद्धारक आचार्य श्री आनंदसागर सूरी जी म. प्रेरणा से यहाँ पर भव्य आगम मंदिर का निर्माण हुआ है। इसमें जैनधर्म ग्रंथ आगमों को ताम्रपट पर अंकित कर मंदिर के चारों ओर दीवारों पर लगाये गये हैं। भारत में 6-7 जगह पर आगम मंदिर बने हुए हैं किन्तु सूरत का यह मंदिर सबसे पुराना है। इस मंदिर में मूलनायक श्री महावीर भगवान तथा दूसरी मंजिल पर श्री आदेश्वर भगवान की प्रतिमा है । भोयरे में श्री पार्श्वनाथ भगवान तथा अन्य आकर्षक दर्शनीय प्रतिमाएँ हैं । सूरत शहर में लगभग 74 जिनमंदिर हैं। जिनमें कई मंदिर गोपीपुरा भाग में हैं। यहाँ के मंदिर दर्शनीय और कलात्मक I देसाई पोल क्षेत्र में स्थित श्री सुविधिनाथ भगवान का 108 जैन तीर्थ जिनालय अत्यंत दर्शनीय है । ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर गोपीपुरा भाग में जव्हेरी बाजार, ओसवाल मोहल्ला, पुरानी अदालत इन विभागों में 4 धर्मशालाएँ हैं । गोपीपुरा में ही सूरत ब्लड बैंक के पास जैन भोजनशाला है । वहाँ यात्रियों की निवास की भी व्यवस्था है। इसके अलावा सूरत स्टेशन के सामने रुक्मिणीबेन दलिचंद जैन श्वे. धर्मशाला है । प्रमुख व्यापारिक नगर होने के कारण सूरत में होटल आदि की सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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