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________________ गुजरात जैन तीर्थ परिचायिका जिला पंचमहाल मूलनायक : श्री नेमिनाथ स्वामी भगवान, श्यामवर्ण, पद्मासनस्थ । मार्गदर्शन : यह स्थान वेजलपुर (गोध्रा) से 15 कि.मी. है। पावागढ़ से यह तीर्थ 20 कि.मी. श्री पारोली तीर्थ है। राजगढ़ पाल्लाणी बस से भी पारोली पहुँचा जा सकता है। यहाँ आने के लिये बस की सुविधा है। अहमदाबाद से यहाँ के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध है। अहमदाबाद यहाँ से पेढ़ी : श्री श्वेताम्बर मूर्तिपूजक 177 कि.मी. दूर है। गोद्रा से यह स्थान 41 कि.मी. पड़ता है। यह घोंघबा से बारिया रोड जैन देरासर पर 5 कि.मी. दूर है। बोडेली यहाँ से 55 कि.मी. तथा बड़ोदा 50 कि.मी. दूर है। मुंबई मु. पो. पारोली, दिल्ली रेल मार्ग पर खरशालिया स्टेशन से यह तीर्थ 20 कि.मी. दूर है। खरशालिया वेजलपर वाया वेजलपुर, से 5 कि.मी. है। पारोली पर हर दो घन्टे में बसों का आवागमन होता रहता है। जि. पंचमहाल (गुजरात) परिचय : कहा जाता है कि बादशाह मोहम्मद के समय में यह प्रतिमा धनेश्वर गाँव में थी। फोन : 02676-34539, आक्रमण के भय से इसे नदी में सुरक्षित रखा गया। कई साल बाद एक श्रावक को स्वप्न 34510 में प्रतिमा का संकेत मिला। उस समय वेजलपुर तथा अन्य गाँवों के श्रावकों ने वह अपनेअपने गाँव ले जाने की इच्छा प्रकट की, तब तय हुआ कि प्रतिमा बैलगाड़ी में रखी जाए और जहाँ पर बैलगाड़ी रुकेगी वहीं पर प्रतिमा की स्थापना होगी। इस प्रकार बैलगाड़ी पारोली आकर रुकी। फिर यहाँ पर भव्य जिनमंदिर बनाया गया और प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई। यह एक चमत्कारी स्थान है। यहाँ दर्शनार्थ जैने-जैनेतर सभी आते हैं। प्रतिमा अत्यंत जागृत हैं अतः प्रभु को श्री साचादेव नेमिनाथ भगवान भी कहते हैं। पूजा का समय प्रात: 7 से 4 बजे तक है। ठहरने की व्यवस्था : धर्मशाला एवं भोजनशाला का प्रबन्ध है। भोजनशाला का प्रबन्ध पूर्व सूचना पर मुनीम जी करा देते हैं। धर्मशाला में 20 कमरे हैं। पेढ़ी: श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र कोठी मु. पो. पावागढ़, तह. हलोल, जि. पंचमहाल-389 360 (गुजरात) फोन : 02676-45625 मूलनायक: श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ, भ. महावीर स्वामी। मार्गदर्शन : यह तीर्थस्थान बड़ौदा से 50 कि.मी. दूरी पर है। गोद्रा से यह 46 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। हलोल से इसकी दूरी 7 कि.मी. है। तथा कलोल से 20 कि.मी. । चंपानेर गाँव के निकट ऊँचे पर्वत पर यह तीर्थ है। तलहटी से पहाड़ की चढ़ाई लगभग 5 कि.मी. है, रास्ता कठिन है। पालीताना यहाँ से 340 कि.मी., महुवा 225 कि.मी. है। स्टेशन से बस का साधन है। तीर्थ पर प्रात: 5 बजे से रात्रि 8.30 बजे तक बसों का आवागमन रहता है। परिचय : यह एक सिद्धक्षेत्र है, यहाँ पर कई मुनिगण घोर तपस्या करके मोक्ष पधारे। इस क्षेत्र से भगवान राम के पुत्र लव, कुश को भी मोक्ष प्राप्त हुए हैं। मुख्य मंदिर के अलावा पहाड़ पर और सात दिगम्बर मंदिर हैं। चांपानेर गाँव में 2 दिगम्बर मंदिर हैं। पूजा का समय 6 से 10 बजे तक है। ठहरने की व्यवस्था : तलहटी में ठहरने के लिये धर्मशालाएँ हैं। मन्दिर कम्पाउन्ड में किले के अन्दर 50 कमरों की सर्व सुविधायुक्त धर्मशाला है। पुरानी धर्मशाला में 40 कमरे हैं। भोजनशाला प्रात: 11 से 2 बजे तक तथा सायं 5 से सूर्यास्त तक उपलब्ध है। 136 Jain Education International 2010 03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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