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गुजरात
जैन तीर्थ परिचायिका सभामंडप में कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य जी का कुमारपाल राजा को उपदेश देते हुए
भव्य चित्र लगाया है। इस क्षेत्र में 14 मन्दिर हैं, 9 श्वेताम्बर तथा 5 दिगम्बर जिनमंदिर हैं। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर श्वेताम्बर और दिगम्बर इन दोनों संप्रदायों की धर्मशालाएँ हैं।
सभी धर्मशालाओं में सुविधाएँ उपलब्ध हैं। दिगम्बर क्षेत्र भोजनशाला का समय प्रात: 11 से 1 बजे एवं सायं 5.30 से 6 बजे तक है।
मूलनायक : श्री शान्तिनाथ भगवान।
जिला नवसारीमार्गदर्शन : मुम्बई-अहमदाबाद हाइवे पर नवसारी शहर से 6 कि.मी. दूरी पर प्राकृतिक वलसाड
वातावरण में यह स्थान है। महाराष्ट्र से श्री शत्रुजय तीर्थयात्रा राजस्थान तीर्थयात्रा को जाने वाले यात्रियों को नवसारी तपोवन या झगड़ियाजी रुकना सुविधाजनक होता है।
- नवसारी तपोवन परिचय : यह कोई प्राचीन तीर्थस्थान नहीं, पंन्यास श्री चंद्रशेखर विजयजी म. की प्रेरणा से यहाँ
पर एक गुरुकुल बना है, जहाँ पर लगभग पाँच सौ छात्रों को स्कूली शिक्षा के साथ-साथ पढ़ी: धार्मिक शिक्षा देकर उन्हें सुसंस्कार दिये जाते हैं। इस संस्था के लिये उनकी प्रेरणा से तपोवन संस्कारधाम
लीस एकड़ जमीन ली गयी है। जहाँ पर भव्य जिनमंदिर का निर्माण हआ है। यहाँ का पोस्ट-डबीलपोर, भ. शान्तिनाथ का मंदिर बहुत विशाल 195 फुट लम्बा, 95 फुट चौड़ा तथा 104 फुट ऊँचा जिला नवसारी (गुजरात) है। मंदिर के तीन शिखर, 5 गाभारे हैं, यह तीन मंजिला हैं।
फोन : (0297) 58624, ठहरने की व्यवस्था : यहाँ छात्रों को मिलने के लिये आने वाले पालक तथा यात्रियों के लिये
58656 भव्य अतिथिगृह हैं। हर एक ब्लॉक में दो कमरे, बाथरूम, ओढ़ने-बिछाने का सामान है। यहाँ भोजनशाला है।
मुम्बई-अहमदाबाद रेलमार्ग पर वलसाड से 3 कि.मी. दूरी पर समुद्र तट पर सुन्दर बालुई किनारे शान्तिनिकेतन साधना
पर नैसर्गिक वातावरण में यह स्थान है। सापुतारा से यह 135 कि.मी. दूर पड़ता है। के निशल अहमदाबाद से 341 कि.मी. दूरी पर स्थित है। सूरत से 80 कि.मी. दूर पड़ता है। इसका निर्माण मुनिश्री त्रिपुटी बंधू की प्रेरणा से हुआ है। श्री मुनिचंद्र जी म., श्री कीर्तिचंद्र जी म., दी. श्री जिनचंद्र जी म. इन तीन भाइयों ने अपने परिवारजनों के साथ जैन साधु की दीक्षा ग्रहण
शान्तिनिकेतन साधना केन्द्र की थी। बहत सालों तक साधु जीवन का पालन करने के बाद विदेशों में रहने वाले जैन .
डाकघर तिथल, भाइयों में जागृति हो इसलिए उन्होंने वाहन प्रयोग शुरू किया। देश-विदेश में कई बार उनके
स्टेशन वलसाड, व्याख्यान होते हैं। उनके व्याख्यानों की कई कॅसेट्स निकली हैं, जिनकी देश-विदेश में माँग है। ध्यान साधना शिविरार्थियों के लिए यहाँ पर भव्य धर्मशाला है। प्राकृतिक सौम्य ।
जिला वलसाड (गुजरात) वातावरण स्थान होने के कारण यहाँ कई लोग घूमने के लिए आते हैं, वे भी यहाँ दर्शनार्थ फोन : (02632) 63074 आते हैं। यहाँ भोजन की भी अच्छी व्यवस्था है।
मार्गदर्शन : मुम्बई से यह स्थान 140 कि.मी. की दूरी पर है।
श्री नंदिग्राम तीर्थ परिचय : आचार्य श्री कल्याणसागर म. की प्रेरणा से यहाँ नये तीर्थस्थान का निर्माण हुआ है।
यहाँ पर श्री सीमंधर स्वामी का भव्य जिनमंदिर का निर्माण हो रहा है। दूसरे मंदिर में श्री पढ़ी : भीड़ भंजन पार्श्वनाथ भ. की 450 साल पुरानी प्रतिमा प्रतिष्ठित की गई है। 18 एकड भमि श्री ओसियाजीनगर पर एक तीर्थधाम के निर्माण का काम चल रहा है। सर्वप्रथम यहाँ अधिष्ठायक देव श्री जैनतीर्थ मणिभद्र जी म. के देरी की 14 साल पहले स्थापना हुई। साथ ही ओसियाँ कुल की माता पोस्ट नंदिग्राम, श्री ओसियाँ माता की देवकलिका भी यहाँ बनेगी।
स्टेशन भिलाड, ठहरने की व्यवस्था : यहाँ 2 धर्मशालाएँ बनी हैं। जिन में 72 कमरे हैं। साथ ही बड़े हॉल भी जिला बलसाड़ (गुजरात) __ हैं। भोजन तथा अल्पाहार गृह की भी यहाँ सुन्दर व्यवस्था है।
फोन : (02638) 82089
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