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गुजरात
| जैन तीर्थ परिचायिका अंबाजी से 7 कि.मी. दूर निर्जन पर्वतीय रास्ते में कोटिश्वर तीर्थ भी दर्शनीय है। एक पहाड़ी पर कोटिश्वर शिव का प्राचीन मन्दिर है। मन्दिर के निकट सरस्वती कुण्ड है। बस स्टैण्ड के सामने वाल्मिकी का तपोवन है। यहाँ राम-सीता का मन्दिर भी है। कहा जाता है कि मुनि वाल्मिकी ने रामायण रचने से पूर्व आश्रम बनाकर यहाँ देवी सरस्वती की आराधना
की थी। ठहरने की व्यवस्था : उपाध्याय श्री कन्हैयालाल जी म. की प्रेरणा से एक भव्य जैन स्थानक
तथा धर्मशाला बनी है। ठहरने के लिए यहाँ अनेक सुविधायुक्त धर्मशालाओं के अतिरिक्त सभी श्रेणियों के होटल भी उपलब्ध हैं।
श्री कंभारीयाजी तीर्थ
पेढ़ी : श्री आनंदजी कल्याणजी पेढी कुंभारीयाजी जैनतीर्थ मु. पो. अंबाजी, ता. दांता, जिला बनासकांठा (गुजरात) फोन : 027412-62178
मूलनायक : श्री नेमिनाथ भगवान, श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : यह स्थान अंबाजी से 1 कि.मी. दूरी पर है। आबू रोड से अंबाजी आते जाते यहाँ
दर्शन किये जा सकते हैं। परिचय : यह तीर्थस्थान एकान्त जंगल में कुंभारीयाजी पहाड़ के टीले पर स्थित हैं। आबू के
विमलवसही के निर्माता विमलशाह ने विक्रम संवत् 1031 में यहाँ पर श्री नेमिनाथ भ. का विशाल मंदिर निर्माण किया। यहाँ और चार कलापूर्ण विशाल जिन मंदिर हैं। इन मंदिरों में श्री पार्श्वनाथ भ., श्री शान्तिनाथ भ., श्री संभवनाथ भ., श्री महावीर भ. मूलनायक हैं। इन मंदिरों का कला सौन्दर्य दर्शनीय है, मनोरम नैसर्गिक वातावरण में इन्हें देखकर आबू देलवाड़ा तथा राणकपुर के मंदिरों की याद आती है। मंदिरों की छतों पर सूक्ष्म शिल्पकला का सुन्दर नमूना है। इसमें श्री शान्तिनाथ भ. का समवसरण, श्री नेमिनाथ भ. के पाँच कल्याणक, तीर्थंकर माता के चौदह स्वप्न, मेरू पर्वत पर इन्द्र महाराज द्वारा जन्माभिषेक
आदि कई प्रसंग पाषाण में भावपूर्ण ढंग से उत्कीर्ण किये हैं। ठहरने की व्यवस्था : अंबाजी में कई धर्मशालाएँ तथा भोजनशाला है।
श्री पालनपुर तीर्थ (प्रल्हादनपुर)
पेढ़ी: श्री पल्लवील पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर मु. पो. पालनपुर, जिला बनासकांठा (गुजरात)
मूलनायक : श्री प्रल्लहविया पार्श्वनाथ भ., श्वेतवर्ण, पद्मासनस्थ। मार्गदर्शन : पालनपुर रेल्वे स्टेशन से यह स्थान 1 कि.मी. दूरी पर है। बनासकांठा जिले का
प्रमुख नगर पालनपुर मेहसाणा से 68 कि.मी. दूरी पर स्थित है। यहाँ से आबू रोड 47 कि.मी. दूर है। पालनपुर से दांता होते हुए अंबाजी 57 कि.मी. दूर पड़ता है। तारंगा जी हिल क्षेत्र यहाँ से 71 कि.मी. दूर स्थित है। अहमदाबाद से 146 कि.मी., बड़ौदा से
257 कि.मी. दूर है। परिचय : पालनपुर गुजरात का एक प्रसिद्ध शहर है। इस मंदिर का निर्माण परमार वंश के राजा
प्रहलाद ने किया। उन्हें कुष्ठरोग हुआ था। रोग निवारण हेतु उन्होंने यह मंदिर बनवाया और प्रभु प्रतिमा के स्नानजल से वे व्याधिमुक्त हो गये। इस घटना से प्रभावित होकर उन्होंने जैनधर्म को स्वीकार किया और जैनधर्म की प्रभावना का कार्य किया। युगप्रधान आचार्य श्री सोमसुन्दर जी म. तथा अकबर प्रतिबोधक आचार्य श्री हीरविजय सूरी जी म. की यह
जन्मभूमि है। इस मुख्य मंदिर के अलावा यहाँ और चौदह मंदिर हैं। ठहरने की व्यवस्था : यहाँ पर धर्मशाला तथा भोजनशाला हैं। प्रमुख नगर होने के कारण यहाँ
सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
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