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________________ राजस्थान जोधपुर पेढ़ी: श्री भैरूबाग पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर तीर्थ सरदारपुरा, जोधपुर (राजस्थान) फोन : (0291) 730386 जैन तीर्थ परिचायिका मार्गदर्शन : राजस्थान का प्रमुख पर्यटन नगर जोधपुर सूर्यनगरी के नाम से विख्यात है। जयपुर से यह 340 कि.मी., अजमेर से 208 कि.मी., उदयपुर से 269 कि.मी., अहमदाबाद से 439 कि.मी. तथा बीकानेर से 243 कि.मी. दूर है। जोधपुर रेलमार्ग द्वारा उदयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद, मुम्बई, कोलकाता से जुड़ा है। राज्य के विभिन्न नगरों के लिए यहाँ से रेल से बस सेवा उपलब्ध है। वायुमार्ग द्वारा भी यह देश के अनेक प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है। परिचय : 1458 में राठौड़ राजपूत प्रधान राव जोधा ने शहर की स्थापना की थी। अतीत के राठौड़ राजाओं के मारवाड़ अर्थात् मरुदेश की राजधानी जोधपुर था। यहाँ पर जैनमंदिर के साथ ही महावीर भवन है, जहाँ कई स्थानकवासी संतों के चातुर्मास हुये हैं। यहाँ के जैनमंदिरों में सरदारपुरा विभाग में श्री पार्श्वनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है। वहाँ पर धर्मशाला की भी सुविधा है। जैन क्रिया भवन, खैरातियों का वास, आहोर हवेली के निकट भी व्यवस्था हो जाती है। ठहरने की व्यवस्था : जोधपुर शहर राजस्थान का प्रमुख पर्यटन केन्द्र होने के कारण यहाँ अनेक होटल एवं धर्मशालाएँ सभी सुविधाएँ सहित उपलब्ध हैं। दर्शनीय स्थल : शहर से 5 कि.मी. दूर 121 मी. ऊँचे पहाड़ी टीले पर जोधपुर का मूल आकर्षण मेहरनगढ़ दुर्ग है। प्रधान राव जोधा ने 1459 ई. में इसका निर्माण करवाया था। यह चारों ओर प्राचीर से घिरा है। सुबह 9.00 से सायं 5.00 बजे तक खुला रहता है। दुर्ग के नीचे यशवंत थाडा है। जोधपुर का एक और आकर्षण शहर के अन्तिम छोर पर गुलाबी मर्मरी पत्थरों से निर्मित उम्मेद भवन पैलेस है। संगमरमर तथा लाल पत्थरों से निर्मित यह भवन 1942 में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत पर पूरा हुआ। आजकल इस महल के एक भाग को होटल उम्मेद भवन पैलेस में रूपान्तरित कर दिया गया है। जन-साधारण का प्रवेश मना है। फिर भी 120 रु. दर्शनी टिकट या 350 रु. के लंच के साथ महल का वैभव देख लिया जा सकता है। सुबह 9.00 से सायं 5.00 बजे तक खुला रहता है। टूरिस्ट बंगले से सटे-हाईकोर्ट रोड पर बिलिंगडन अर्थात् उम्मेद पब्लिक गार्डेन में सरदार म्यूजियम व पाठागार है। इस बगीचे में जोधपुर का चिड़ियाघर भी है। यह सुबह 10.00 से सायं 4.30 तक खुला रहता है। शुक्रवार को बंद रहता है। 7 कि.मी. दूर मन्डौर के मार्ग में 1159 में बनी बालसमन्द झील है। यह चारों सुबह 8सायं 6.00 बजे तक खुला रहता है। टिकट 1 रु. है। नव-निर्मित संतोषी माता का मन्दिर भी दर्शकों में काफी लोकप्रिय हो चुका है। 10 कि.मी. उत्तर पूर्व में महामन्दिर भी देख ले सकते हैं। पर्यटकों का प्रिय कैलाना झील भी 10 कि.मी. दूर है। जोधपुर की झीलों में यह सबसे बड़ी है। जोधपुर में स्टेशन रोड पर जनता स्वीट होम की मिठाईयाँ अत्यन्त प्रसिद्ध है। इसके इर्दगिर्द अनेकों भव्य शोरूम हैं जिन पर पर्यटक यहाँ की विभिन्न वस्तुओं का अवलोकन कर खरीद भी सकते हैं। और उत्साही पर्यटक जोधपुर-बाडमेर मार्ग में 45 कि.मी. दूर धवा वन्य जीव संग्रहालय बस से जाकर देख सकते है। यहाँ काले एण्टीलोप (हिरन) पाये जाते हैं। 78 Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002578
Book TitleJain Tirth Parichayika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreechand Surana
PublisherDiwakar Prakashan
Publication Year2004
Total Pages218
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Pilgrimage
File Size14 MB
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