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कर्म बन्धके कारण तथा भेदप्रभेद
कर्म प्रकृति संबंधी एकत्र परिगणन तालिका
कुल प्रकृतियाँ-१४८
जानावरणीय ५ - वेदनीय २ - आयु ४ गोत्र २ ।
__दर्शनावरणीय ९ . मोहनीय २८ नाम ९३ अन्तराय५ ज्ञानावरणीय-५ दर्शनावरणीय -९ वेदनीय - २ मोहनीय-२८ १. मतिज्ञानवरणीय १. चक्षु दर्शनावरणीय १.साता २. श्रुतज्ञानावरणीय २. अचक्षु "
२. असाता ३. अवधि " ३. अवधि " ४.मन:पर्यय . ४. केवल "
चारित्रमोह
दर्शन मोह ५. केवल " ५.निद्रा " ६.निद्रा निद्रा
१. मिथ्यात्व ७. प्रचला कषाय १६ नोकषाय ९ २.सम्यग्मिध्यात्व ८. प्रचला प्रचला
३. सम्यक् ९.स्त्यानगद्धि १.क्रोध चतुष्क १.हास्य
२.मान " २. रति ३.माया " ३. अरति ४. लोभ , ४.शोक
५. भय ६.जुगुप्सा ७. स्त्रीवेद ८.पुरूषवेद
९. नपुंसकेवद आयु.४ नाम. ९३
गोत्र -२ अन्तराय.५ १. नरक
१. उच्च १.दानान्तराय २.तिर्यच
२.नीच
२.लाभान्तराय ३. मनुष्य
३. भोगान्तराय १.देव
४. उपभोगान्तराय ५.वीर्यान्तराय
पिण्डप्रकृतियाँ
स्थावर दशक
प्रत्येक प्रकृतियाँ त्रसदशक (इनका नाम निर्देशन नाम कर्ममें किया गया है)
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