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वज्जकुडेण मणीरामो, तिलतेल्लेण माहवो ।
भूसज्जाए विजयरामो, धक्कामुक्केण केसवो ।। त्ति, सव्वो वुत्तंतो नरिंदस्स अग्गे कहियो । नरिंदो वि तस्स बुद्धीए अईव तुट्ठो । उवएसो--
जामायरच उक्कस्स सुरिणऊण पराभवं । ससुरस्स गिहावासे सम्माणं जाव संवसे ।।
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[ प्राकृत अभ्यास सौरभ
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