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वरं
कुलान
दालिद्दं
भव्वयं
IP
च
रोगाश्री
प्राकृत अभ्यास सौरभ ]
Jain Education International 2010_03
अव्यय
( कुल ) 5 / 1
(zifag) 1/1
( भव्व ) 1 / 1 वि 'य' स्वार्थिक
अव्यय
( रोग ) 5 / 1
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श्रेष्ठतर
फुल से निर्धनता
अच्छी
तथा
रोग से
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