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________________ अभ्यास-33 (क) निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत में रचना कीजिए । संज्ञा, कृदन्त एवं क्रियारूपों का कोई एक विकल्प लिखिए 1. स्वामी रघुपति को नमन करते हुए उठता है । 2. वह गांव के मुखिया की सेवा करते हुए थकेगा। 3. वे दोनों मधु को चखते हुए लालच करते हैं। 4. सिंह बालक को खाते हुए मारता है । 5. माता पुत्री को लाड-प्यार करते हुए खुश होवेगी। 6. पुत्री गीत गाती हुई नाचे । 7. पिता खेत को सींचता हुअा थकेगा। 8. तुम ईश्वर की स्तुति करते हुए वन्दना करो । 9. बहिन पुत्र को मारती हुई समझाती है। 10. वह पुत्र को भेजती हुई रोती है। 11. हम सब परमेश्वर की भक्ति करने के लिए उठे। 12. तुम तृप्ति प्राप्त करने के लिए प्रयास करोगे। 13. पिता पुत्री को पालने के लिए उत्साहित होता है। 14. वे सब रस्सी बांधने के लिए प्रयत्न करें । 15. महिला गाय को देखने के लिए उठती है। 16. वह वस्तु खरीदने के लिए जावेगी। 17. सेनापति शत्रु को मारने के लिए भागता है। 18. दादा पोते को बधाई देने के लिए जाता है। 19. तुम कथा सुनने के लिए उठो । 20. मैं भोजन को चबाने के लिए प्रयत्न करती हूँ। 21. स्वामी रघुपति को नमन करके प्रसन्न होता है । 22. कवि गुरु को प्रणाम करके बैठता है। 23. तुम भक्ति करके जीओ। 24. तुम तप्ति प्राप्त करके खुश होवोगे। 25. वे गायों को देखकर उठते हैं। 26. ऋषि परमेश्वर की वन्दना करके ध्यान करते हैं। 27. भाई रत्न चोरकर भागता है। 28. राजा परमेश्वर को स्मरण करके सोवे । 29. राक्षस बालक को पीड़ा देकर उछलता है। 30. पुत्र रस्सी को टुकड़े करके फैकता है। - उदाहरणस्वामी रघुपति को नमन करते हुए उठता है सामी रहुवई णमन्तो उट्टइ । नोट- इस अभ्यास-33 को हल करने के लिए 'प्राकृत रचना सौरभ' के पाठ 64 __ का अध्ययन कीजिए। 138 ] [ प्राकृत अभ्यास सोरम Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002575
Book TitlePrakrit Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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