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________________ अभ्यास-26 (क) निम्नलिखित वाक्यों की प्राकृत्त में रचना कीजिए । संज्ञानों, क्रियाओं एवं कृदन्त. रूपों के प्रत्ययों के सभी विकल्प लिखिए। विधि के भाववाच्य में क्रिया-रूपों एवं विधि कृदन्त का प्रयोग कीजिए कर्तृवाच्य 1. बालक खेलते हैं। 3. बालक खेला। 5. बालक खेलें । 7. बालक खेलेंगे। 9. माता प्रसन्न होती है। 11. माता प्रसन्न हुई। 13. माता प्रसन्न होवे । 15. माता प्रसन्न होवेगी। 17, मै सोता हूँ 19. मैं सोया। 21. मैं सोवू । 23. मैं सोऊंगी। भाववाच्य 2. बालकों द्वारा खेला जाता है । 4. बालक द्वारा खेला गया। 6. बालकों द्वारा खेला जाए। 8. बालकों द्वारा खेला जायेगा। 10. माता द्वारा प्रसन्न हुआ जाता है । ___12. माता द्वारा प्रसन्न हुआ गया। 14. माता द्वारा प्रसन्न हुआ जावे । 16. माता द्वारा प्रसन्न हुया जावेगा। 18. मेरे द्वारा सोया जाता है । 20. मेरे द्वारा सोया गया। 22. मेरे द्वारा सोया जावे । 24. मेरे द्वरा सोया जायेगा । उदाहरण - 1. बालक खेलते हैं =बालग्रा खेलन्ति/खेलन्ते खेलिरे । 2. बालकों द्वारा खेला जाता है =बालएहि बालएहि/बालएहिं खेलिज्जइ/ खेलिज्जदि/खेलिज्जए/खेलिज्जदे । - नोट-इस अभ्यास-26 को हल करने के लिए 'प्राकृत रचना सौरभ' के पाठ 42 से 49 तक दोहराएं । 116 ] [ प्राकृत अभ्यास सोरम Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002575
Book TitlePrakrit Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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