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________________ हया जाना चाहिए। 11. विमानों द्वारा उड़ा जाना चाहिए। 12. कन्या द्वारा छिपा जाना चाएिए । 13. माताओं द्वारा खुश हुआ जाना चाहिए । 14. कन्याओं द्वारा छिपा जाना चाहिए। 15. उसके द्वारा खेला जाना चाहिए । 16. तुम्हारे द्वारा हंसा जाना चाहिए। 17. मेरे द्वारा प्रयत्न किया जाना चाहिए । 18 उसके (स्त्री) द्वारा नाचा जाना चाहिए । 19. हमारे द्वारा प्रयत्न किया जाना चाहिए। 20. उन सब के द्वारा प्रसन्न हुआ जाना चाहिए । उदाहरण - राजा के द्वारा हंसा जाना चाहिए = नरिदेण/नरिदेणं हसिपव्वं/हसितव्वं| हसिदव्वं/हसणीयं । (ग) नीचे संज्ञा-सर्वनाम तथा कोष्ठक में क्रियाएं दी गई हैं । क्रियानों में विधि कृदन्त का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइये - 1. नरिंद (हस) 3. ससा (खेल) 5. पोत्त (कुल्ल) 7. माया (हरिस) 9. ता (गच्च) 2. कमल (विप्रस) 4. अम्ह (जग्ग) 6. विमाण (उड्ड) 8. तुम्ह (उज्जम) 10. रज्ज (जुज्झ) उदाहरणनरिदेण/नरिंदेणं हसिअव्वं/हसितव्वं/हसिदव्वं/हसणीयं । (घ) निम्नलिखित विधि कृदन्तों की मूलक्रिया, वचन, विभक्ति एवं प्रत्यय लिखिए 1. हसिग्रव्वं 4. डरणीयं 7. पडेदव्वं 2 लज्जितव्वं 5. थक्के अव्वं 8. उदरणीयं 3. रुविदव्वं 6. अच्छेअव्वं 9. घुमिअव्वं 114 ] [ प्राकृत अभ्यास सौरभ Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002575
Book TitlePrakrit Abhyasa Saurabh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year1997
Total Pages238
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Grammar
File Size7 MB
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