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मुझे पूर्ण विश्वास है कि 'प्राकृत अभ्यास सौरभ' से प्राकृत अध्ययन अध्यापन के कार्य को गति मिलेगी और 'अपभ्रंश साहित्य अकादमी' अपने उद्देश्यों की पूर्ति में द्रुतगति से अग्रसर हो सकेगी ।
पुस्तक के प्रकाशन की व्यवस्था के लिए जैनविद्या संस्थान समिति का आभारी हूँ । कादमी के कार्यकर्ता एवं मदरलेण्ड प्रिंटिंग प्रेस धन्यवादार्ह हैं ।
Jain Education International 2010_03
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( डॉ. कमलचन्द सोगाणी ) संयोजक जैन विद्या संस्थान समिति
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