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________________ १७० आयारो जो कर्म का बन्ध करते हैं, वे उसे आकर्षित करते हैं। जो कर्म को आकर्षित नहीं करते, वे उसका बन्ध नहीं करते। जो कर्म का बन्ध नहीं करते, वे उसे आकर्षित नहीं करते। __ सूत्र-३२ ४. चूर्णिकार ने 'एगमप्पाणं संपेहाए' इस पद की एकत्व और अन्यत्व भावनापरक व्याख्या की है। उनके अनुसार आत्मा अकेला कर्म करता है, अकेला ही उसका फल भोगता है; अकेला उत्पन्न होता है, अकेला ही मरता है और अकेला ही जन्मान्तर में जाता है एकः प्रकुरुते कर्म, भुङ्क्ते एकश्च तत्फलम् । ___ जायत्येको म्रियत्येको, एको याति भवान्तरम् ॥ शरीर भिन्न और आत्मा भिन्न है-यह अन्यत्व भावना है। वृत्तिकार के अनुसार-मैं सदा अकेला हूं, मैं किसी दूसरे का नहीं हूं। मैं अपने-आप को जिसका बता सकू, उसे नहीं देखता और जिसे मैं अपना कह सकं, उसे भी नहीं देखता सदकोऽहं न मे कश्चित्, नाहमन्यस्य कस्यचित् । न तं पश्यामि यस्याहं, नासौ भावीति यो मम ॥ इस संसार में अनर्थ ही सार वस्तु है। कौन, किसका, कहां अपना है और कोन, किसका, कहां पराया है ? ये स्वजन और परजन सारे भ्रमण कर रहे हैं। ये किसी समय स्वजन और परजन हो जाते हैं। एक समय ऐसा आता है, जब न कोई स्वजन रहता है और न कोई परजन संसार एवायमनर्थसारः कः कस्य कोऽत्र स्वजन: परो वा । सर्वे भ्रमन्तः स्वजनाः परे च, भवन्ति भूत्वा न भवन्ति भूयः॥ आप यह चिन्तन करें-मैं अकेला हूं, पहले भी मेरा कोई नहीं है और पीछे भी मेरा कोई नहीं है । अपने कर्मों के द्वारा मुझे दूसरों को अपना मानने की भ्रान्ति हो रही है। सचाई यह है कि पहले भी मै अकेला ही हं और पीछे भी मैं अकेला ही विचिन्त्यमेतद् भवताऽहमेको, न मेऽस्ति कश्चित् पुरतो न पश्चात् स्वकर्मभिर्धान्तिरियं ममैव, अहं पुरस्तावहमेव पश्चात् ॥ सूत्र-३३ ५. इस उपमा-पद में कर्म-शरीर को प्रकम्पित करने के दो साधन निर्दिष्ट हैंसमाधि (आत्मा-शुद्ध चैतन्य में एकाग्रता) और अनासक्ति । इन साधनों के निर्देश से भी यह स्पष्ट होता है कि इस प्रकरण में शरीर से तात्पर्य 'कर्म-शरीर' है। Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.002574
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharang Sutra Aayaro Terapanth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year
Total Pages388
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_acharang
File Size5 MB
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