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प्रकाशकीय
शुभाशंसा
वाङ, मुख
विषय सूची
प्रस्तावना
प्राक्कथन
संकेत विवरण
परिच्छेद- प्रथम : भारतीय वाङ् मय में योगसाधना और
योगबिन्दु
पृष्ठ संख्य) (v-vi) (vii-viii)
(ix-x)
(x'=<xxiii) (xxxiv-xxxix)
(xxxx-xxxxii)
(क) योग का माहात्म्य : ( 1 - 10 )
योग शब्द का अर्थ, वैदिक साहित्य में योग शब्द, बौद्धदर्शन में योग शब्द, जैन आगमों में योग शब्द. संयम के अर्थ में योग, मन वचन काय के अर्थ में योग शब्द, जैन आगमोत्तर ग्रन्थों में योग । (ख) योग विषयक वाङ् मय : (10-31 )
(1) वैदिकवाङमय : ( 1 ) ऋग्वेद (2) पुराणों में, (3) गीता में, समभाव योग, (4) स्मृतियों में, योगवाशिष्ट, (5) पातञ्जलयोग सूत्र, ( 6 ) अद्वैतदर्शन में. (7) सांख्यदर्शन, ( 8 ) वैशेषिक दर्शन में, ( 9 ) न्यायदर्शन में |
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(2) वैदिकेत्तरवाङ् मय : ( 1 ) विशुद्धिमग्ग, (2)
धम्मसंग हो, (3) अभिधर्मकोश. (4) अभिधर्मदीप, ( 5 ) अर्थविनिश्चयसूत्र (6) अभिधर्मामृत, (7) अभिधर्मसमुच्चय ( 8 ) ललितविस्तर (8) दशभूमीश्वर ( 10 ) समाधिराजसूत्र, ( 11 ) बोधिचर्यावतार (12) शिक्षासमुच्चय, (13) बुद्धचरित, (3) जैनवाङमयः आगम ग्रन्थ,
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