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लोकतत्वनि
: लोकतत्वनिर्णय वि०
: विवरण वैशेषिक द०
: वैशेषिक दर्शन विसु०
: विसुद्धिमग्ग शा० रस०
: शान्तसुधारस शा०वा०समु०, शास्त्रावार्ता समु० शास्त्र वा०, शास्त्रवा० समु० : शास्त्रवार्तासमुच्चय श्लो०
: श्लोक श्रु०
: श्रुतस्कन्ध षोडषक०
: षोडषकप्रकरण षड्० समु०, षड्दर्शनसमु० : षड्दर्शनसमुच्चय सं०नि०
: संयुक्त निकाय समदर्शी हरि०
: समदर्शी आचार्य हरिभद्रसूरि सम० हरि०
: समदर्शी आचार्य हरिभद्रसूरि समु०
: समुच्चय सर्वा०सि०
: सर्वार्थसिद्धि
सूत्रकृत. स्था० स्वा० स्वामीका० हरि० प्र० क० सा० आ०
: सूत्रकृतांग : स्थानांगसूत्र : स्वामी : स्वामिकार्तिकेयानुप्रेक्षा : हरिभद्रसूरि के कथासाहित्य का
आलोचनात्मक परिशीलन .. : हरिभद्रसूरिचरित i हिन्दी अनुवाद
हरि० चरि० हि० अनु०
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