________________ उत्तराध्ययन आगम साहित्य के अध्ययन की जन्मखूटी है। यह आजीवन पोषण देने वाला है। प्राचार्य महाप्रज्ञ अहिंसा सम्बा विभयोभका जैन विश्व भारती, लाडनूं (राज.) Jain Education International 2010_03 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org