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(३२/१४) (३२/१४) (३२/३२)
पुष्प
स्त्रीणाम् > इत्थीण व्यवस्येत् > ववस्से
क्लेश > किलेस २ मध्यवर्ती संयुक्त व्यंजन
ज्ञात्वा > नच्चा पूज्यशास्त्रः > पुज्जसत्थे लब्ध्वा > लद्धं निर्जरा >
निज्जरा कर्माणि > कम्मा
पुप्फ विद्यते
विज्जई भद्रम् > भई पार्थिवाः > पत्थिवा उत्कर्षम् > उक्कोसं मिथ्यात्व > मिच्छत्त विध्वंशः > विद्धंसे मह्यम् > मज्झं तत्र > तत्थ शीतोष्णम् > सीउण्हं चरित्रम् > चरित्तं नास्ति > नत्थि सूक्ष्मम् > सुहुमं कर्वट > कब्बड कल्पते > कप्पइ ध्यान > झाण विभक्तिम् > विभत्तिं सिध्यति > सिज्झई क्क > कहिं
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उत्तराध्ययन की भाषिक संरचना
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