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उत्तराध्ययन का शैली-वैज्ञानिक अध्ययन
क्रम रस स्थायीभाव संचारीभाव
विभाव
अनुभाव १. श्रृंगार रति
जुगुप्सा, आलस्य आदि ऋतु, माला, आभूषण आदि मुस्कान, मधुरवचन, कटाक्ष आदि २. हास्य हास लज्जा, निद्रा, असूया आदि विकृत-आकृति, वाणी, वेश आदि स्मित, हास आदि ३. करुण शोक निर्वेद, मोह, दीनता आदि इष्ट-वियोग, अनिष्ट-संयोग आदि दैवोपलंभ, नि:श्वास, स्वरभेद, आंसू आदि ४. रौद्र क्रोध उग्रता, मद, चपलता आदि असाधारण अपमान, कलह, विवाद आदि नथुना फूलना, होठ-कनपटी फड़कना आदि ५. वीर उत्साह गर्व,धृति, असूया, प्रतिनायक का अविनय,
धैर्य, दानशीलता, अमर्ष आदि शौर्य, त्याग आदि
वाग्दर्प आदि ६. भयानक भय त्रास, चिंता, आवेग गुरू या राजा का
कंपन, घबराहट, आदि अपराध, भयंकर रूपादि
औष्ठशोष, कंठशोष बीभत्स जुगुप्सा अपस्मार, दैन्य, घृणास्पद तथा अरुचिकर
अंग-संकोच, थूकना, जड़ता आदि वस्तु का दर्शन आदि
मुंह फेरना आदि ८. अद्भुत विस्मय विर्तक, आवेग,
दिव्यवस्तु का दर्शन,
नेत्र विस्तार, औत्सुक्य आदि देवागमन, माया आदि
अपलक दर्शन, भ्रूक्षेप, रोमांच आदि ९. शांत शम धृति, हर्ष, निर्वेद वैराग्य, संसारभय,
यम-नियम पालन, आदि तत्त्व-ज्ञान आदि
अध्यात्म-शास्त्र का चिन्तन आदि १०. वत्सल वात्सल्य हर्ष, गर्व, उन्माद आदि शिशु दर्शन आदि
स्नेहपूर्वक देखना, हंसना, गोद लेना आदि ११. भक्ति ईश्वर हर्ष, औत्सुक्य, राम, कृष्ण,
नेत्र विकास, विषयक प्रेम निर्वेद, गर्व आदि महावीर आदि
गद् गद् वाणी, रोमांचादि
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