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1. प्राकारान्त संज्ञा शब्द (स्त्रीलिंग)
परिक्खा == परीक्षा,
= पुत्री,
= माता,
=आज्ञा,
= दया,
- बुढ़ापा,
= नर्मदा,
= यमुना,
=श्रद्धा,
= सायंकाल,
सुया
माया
श्रारणा
करुणा
जरा
णम्मया
जउरगा
सद्धा
संभा
तिसा
निसा
कलसिया
कुंपडा
पट्ठा
सिक्खा
मइरा
इच्छा
धूश्रा
महिला
2. क्रियाएँ
छज्ज
उवरम
प्यास,
=रात्रि,
छोटा घड़ा,
= झोंपड़ी,
= प्रतिष्ठा,
=शिक्षा,
= मदिरा,
अभिलाषा,
= बेटी,
= स्त्री,
= शोभना,
= विरत होना,
=
प्राकृत रचना सौरभ ]
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पाठ 38
सोया
ससा
वाया
कमला
गंगा
तरगया
कहा
जाया
मेहा
भुक्खा
तहा
कण्णा
गुहा
रणद्दा
पसंसा
सोहा
सरिश्रा
गड्डा
नणन्दा
पण्णा
छब्भ
ु
गडयड
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== सीता
- बहिन
= वाणी
= लक्ष्मी
गंगा
= पुत्री
कथा
-स्त्री
= बुद्धि
= भूख
=तृष्णा
== कन्या
= गुफा
= नींद
= प्रशंसा
=शोभा
नदी
== खड्डा
= ननद
प्रज्ञा
= क्षुब्ध होना / व्याकुल होना
= गिड़गिड़ाना
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